CM योगी आदित्यनाथ ने गढ़मुक्तेश्वर और तिगरी मेले की तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा, स्वच्छता, बिजली, यातायात और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। इस वर्ष मेला ‘मिनी कुंभ’ के रूप में आयोजित होगा।

लखनऊ/गढ़मुक्तेश्वर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाले वार्षिक कार्तिक पूर्णिमा मेले और अमरोहा के तिगरी मेले की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने मेला क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और समीक्षा बैठक में सभी संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पावन अवसर पर हर वर्ष लगभग 40 से 45 लाख श्रद्धालु गंगा तट पर स्नान और दीपदान के लिए पहुँचते हैं। इसलिए सभी व्यवस्थाएँ समयबद्ध और समन्वित ढंग से की जाएँ ताकि किसी को असुविधा न हो।

यातायात, सुरक्षा और स्वच्छता पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिया कि यातायात व्यवस्था, सुरक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य, पेयजल और प्रकाश व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। इस वर्ष 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक चलने वाले इस मेले को ‘मिनी कुंभ’ के रूप में आयोजित करने की योजना है।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि, होगी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसके लिए गंगा घाटों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों की तैनाती की जाए। साथ ही सीसीटीवी, ड्रोन निगरानी, रेस्क्यू बोट और हेल्पलाइन सेंटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मेले को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के संदेश से जोड़ा जाए और सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।

घाटों पर सुरक्षा, बैरिकेडिंग और प्रकाश व्यवस्था की पुख्ता तैयारी

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि घाटों पर चेकर प्लेट्स लगाई जाएँ, पैंटून ब्रिज की तकनीकी जांच की जाए और कटान क्षेत्रों में सिंचाई विभाग द्वारा ड्रेजिंग कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि गहराई वाले जल क्षेत्रों में एनडीआरएफ/एसडीआरएफ और फ्लड यूनिट्स सतर्क रहें, आवश्यक बैरिकेडिंग की जाए, और श्रद्धालुओं को अनुशासित आचरण के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएँ।

मेले में सीसीटीवी, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और कंट्रोल सेंटर रहेंगे सक्रिय

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर सक्रिय रूप से कार्य करें। साथ ही पार्किंग स्थलों पर वाहनों की सुरक्षा, प्रसारण व्यवस्था और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर मुख्यमंत्री का जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्थायी शौचालयों में ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम लागू किया जाए ताकि किसी प्रकार की लीकेज न हो। घाटों पर भीड़ नियमन, चेंजिंग रूम, स्वच्छ शौचालय, सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर रोक, कचरा एवं बोतल संग्रहण प्रणाली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने विद्युत विभाग को निर्बाध बिजली आपूर्ति और इलेक्ट्रिक सेफ्टी का ध्यान रखने के निर्देश दिए।

आकर्षक सजावट और जनकल्याण योजनाओं का प्रचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेला क्षेत्र में आकर्षक सजावट की जाए और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग्स लगाई जाएँ। साथ ही फायर सेफ्टी सिस्टम, अस्थायी अस्पताल, एंटी-स्नेक वैनम और एंटी-रेबीज़ वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। जल में स्नान के दौरान पुलिस और एनडीआरएफ की पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए, और 20–25 किलोमीटर के दायरे में यातायात डायवर्जन योजना लागू की जाए ताकि किसी प्रकार का जाम न लगे।

श्रद्धालुओं और स्वयंसेवकों के लिए सुविधाएँ सुनिश्चित

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं से कोई अतिरिक्त शुल्क न वसूला जाए और पशुओं के चारे व पेयजल की उचित व्यवस्था की जाए। ड्यूटी पर तैनात स्वयंसेवकों के भोजन और विश्राम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें ताकि गढ़मुक्तेश्वर का यह मेला आस्था, व्यवस्था और अनुशासन का उदाहरण बने।

गढ़मुक्तेश्वर की आस्था और इतिहास से जुड़ा महत्व

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गढ़मुक्तेश्वर का यह आयोजन उत्तर प्रदेश की आस्था, अध्यात्म और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है। सरकार का उद्देश्य है कि यह मेला श्रद्धा, अनुशासन और स्वच्छता के साथ सम्पन्न हो, ताकि हर आगंतुक यहाँ से शांति और आशीर्वाद लेकर लौटे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने गंगा पूजन किया, सदर बाजार का निरीक्षण किया और गढ़ मुक्तेश्वर में बनाए जा रहे मोढ़े के स्टोर का भी अवलोकन किया। उन्होंने मोढ़े की गुणवत्ता की सराहना की।

गढ़मुक्तेश्वर का धार्मिक और पौराणिक महत्व

गढ़मुक्तेश्वर का धार्मिक इतिहास अत्यंत प्राचीन है। मान्यता है कि महाभारत के युद्ध के बाद युधिष्ठिर, अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहीं गंगा स्नान किया था। यह भी माना जाता है कि भगवान परशुराम ने यहाँ मुक्तेश्वर महादेव की स्थापना की थी। स्कंद पुराण और महाभारत में इसका उल्लेख एक ऐसे तीर्थ के रूप में मिलता है, जहाँ गंगा स्नान और तर्पण से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गढ़मुक्तेश्वर का कार्तिक पूर्णिमा मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक परंपरा और लोक जीवन का भी प्रतिबिंब है। हर वर्ष ब्रिजघाट और मुक्तेश्वर घाट पर लाखों श्रद्धालु स्नान, दीपदान और पितृ-तर्पण के लिए पहुँचते हैं।