ग्रेटर नोएडा में टॉयलेट इस्तेमाल करते समय एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। वेस्टर्न टॉयलेट सीट फटने से यह हादसा हुआ, जिसकी वजह मीथेन गैस हो सकती है। हादसे की जांच जारी है।
ग्रेटर नोएडा में टॉयलेट इस्तेमाल करते वक्त एक युवक के घायल होने की खबर सामने आई है। बीटा 2 कोतवाली इलाके के एक घर में वेस्टर्न टॉयलेट सीट फटने से युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। युवक के परिजनों ने उसे जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया है।
शनिवार दोपहर करीब 3 बजे, 20 साल के आशु नगर नाम के युवक ने टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद फ्लश किया, जिससे वेस्टर्न टॉयलेट सीट फट गई और आग लग गई। धमाके और आग से आशु के चेहरे, हाथ, पैर और गुप्तांग जल गए। परिवारवालों को शक है कि मीथेन गैस के लीक होने से ये हादसा हुआ। हालांकि, पुलिस ने इस बात से इनकार किया है। डॉक्टरों का कहना है कि आशु को ठीक होने में वक्त लगेगा।
आशु के पिता ने क्या कहा?
आशु के पिता सुनील प्रधान ने कहा कि टॉयलेट में मीथेन गैस जमा होने की वजह से धमाका हुआ होगा। उन्होंने बताया कि वॉशरूम और किचन के बीच के शाफ्ट में एसी एग्जॉस्ट लगा है। उसके पीछे ग्रीन बेल्ट है। टॉयलेट का नियमित इस्तेमाल होता है, इसलिए आगे ऐसे हादसे न हों, इसके लिए धमाके की वजह की जांच होनी चाहिए।
हादसे की वजह क्या?
एक्टिव सिटीजन टीम के हरेंद्र भाटी के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा के सीवरेज सिस्टम में खराबी की वजह से ये हादसा हुआ होगा। पुराने टॉयलेट में वेंट पाइप होता था, जिससे मीथेन गैस सीधे वातावरण में निकल जाती थी। लेकिन अब मीथेन गैस पाइप में फंस जाती है, जिससे धमाका हो सकता है। भाटी ने कहा कि टॉयलेट फटने की यही वजह हो सकती है।
पहली बार हुआ ऐसा हादसा
रहवासियों का आरोप है कि पिछले डेढ़ साल से सीवर लाइन टूटी हुई है, लेकिन अब तक उसकी मरम्मत नहीं हुई। कई बार अथॉरिटी के अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा कि ये पहली बार हुआ है, अथॉरिटी इसकी जांच कराएगी। जांच के बाद ही हादसे की असली वजह पता चल पाएगी।
आईआईटी के एक्सपर्ट इस मामले की जांच करेंगे। अथॉरिटी ने ये फैसला लिया है। हालांकि, अथॉरिटी की शुरुआती जांच में सीवर लाइन में कोई खराबी नहीं मिली। वहीं, घायल युवक की हालत में थोड़ा सुधार है। 20 साल के आशु नगर शनिवार दोपहर टॉयलेट गए थे। टॉयलेट यूज करने के बाद जैसे ही उन्होंने फ्लश किया, वेस्टर्न टॉयलेट सीट फट गई और आग लग गई।
अथॉरिटी के सीनियर मैनेजर एपी वर्मा ने कहा कि टॉयलेट सीट फटने से युवक के घायल होने की घटना असामान्य है। ऐसा पहली बार हुआ है। हादसे के बाद टीम ने आसपास के इलाकों में सीवर लाइन की जांच की, लेकिन कोई खराबी नहीं मिली। नाले भी ओवरफ्लो नहीं हो रहे हैं, जिससे मीथेन गैस ज्यादा बने। घर के अंदर गैस निकालने के लिए वेंट पाइप भी है। अगर मीथेन गैस से धमाका हुआ होता, तो आसपास के घरों में भी दिक्कत होती। उन्होंने बताया कि आईआईटी के एक्सपर्ट इसकी जांच करेंगे।
लेकिन आशु के पिता सुनील प्रधान का कहना है कि अथॉरिटी की टीम उनके घर जांच करने नहीं आई। उन्हें शक है कि मीथेन गैस की वजह से टॉयलेट सीट फटी और एसी कंप्रेसर के संपर्क में आने से आग लग गई। उन्होंने बताया कि सड़क के नीचे बने रैंप के नीचे सीवर के ढक्कन बंद हैं, जिससे गैस निकलने की जगह नहीं है। ये भी हादसे की वजह हो सकती है। परिवारवालों के मुताबिक, टॉयलेट में हुए धमाके में घायल आशु की हालत में थोड़ा सुधार है। धमाके से उनके हाथ, पैर, मुंह, पीठ और शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह जल गया था।
