सार

लखनऊ में HDFC बैंक की एक महिला कर्मचारी की काम के दौरान मौत हो गई, जिससे काम के दबाव को लेकर फिर से सवाल उठ रहे हैं।

लखनऊ.  पुणे की EY कंपनी में बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) काम करने वाली एक युवती की कुछ दिन पहले ही काम के दबाव के चलते मौत हो गई थी.  कंपनी द्वारा दिए गए टारगेट को पूरा करने के लिए वह दिन-रात कड़ी मेहनत करती थी, जिसके कारण उसकी मौत हुई. 27 वर्षीय अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मां ने आरोप लगाया था. इस मामले की जांच अभी भी जारी है. इसी बीच,  अब एक और चौंकाने वाली घटना लखनऊ में हुई है. यहां एचडीएफसी बैंक में बतौर एडिशनल डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (additional deputy vice-president) काम करने वाली सदाफ फातिमा की मौत हो गई. कर्मचारियों का कहना है कि इसकी वजह भी काम का दबाव ही है. बताया जा रहा है कि बैंक में काम करने के दौरान  वह कुर्सी से गिर गईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. 

फातिमा को  तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.  उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. इस घटना पर  प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि काम का दबाव सरकारी और निजी नौकरियों में एक जैसा है. कर्मचारी 'मजबूरी' में काम कर रहे हैं. इसलिए यह समस्या पैदा हो रही है. कर्मचारियों की हालत बंधुआ मजदूरों से भी बदतर है. क्योंकि उन्हें बोलने का भी अधिकार नहीं है. अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को समस्याओं का समाधान करने के लिए आइडिया देना चाहिए, न कि आधारहीन सलाह.  

 

पुणे की कर्मचारी की मौत के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  कहा था,  ‘आप कुछ भी पढ़ो, नौकरी करो. लेकिन दबाव झेलने के लिए आंतरिक शक्ति जरूरी है. इसे अध्यात्म के जरिए हासिल किया जा सकता है. भगवान पर विश्वास करने से आंतरिक शक्ति बढ़ती है. शिक्षण संस्थानों को दिव्यता और अध्यात्म की शिक्षा देनी चाहिए.’ इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब अखिलेश यादव ने यह बात कही है. लेकिन फातिमा की मौत कैसे हुई, इसका खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा. 

टारगेट, डेडलाइन... यह ज्यादातर संस्थानों, कंपनियों में आम बात है. इतने समय में इतना टारगेट पूरा करना होगा, आपकी डेडलाइन यही है... इस समय में इतना लक्ष्य हासिल करना होगा, कुछ भी करो. करना ही होगा, ऐसा टारगेट कई संस्थान, कंपनियां अपने कर्मचारियों को देती हैं. खासकर नए कर्मचारियों पर यह वर्क प्रेशर ज्यादा होता है. कई बार कंपनियां टारगेट देती हैं, तो कई बार कर्मचारी खुद ही बॉस से तारीफ पाने के चक्कर में ओवरटाइम काम करते हैं और दबाव में रहकर अपनी सारी मेहनत झोंक देते हैं. इससे दिल पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक आता है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है।