उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य जागरूकता मिशन को नई दिशा मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, मेडिकल टीमों की तैनाती और जागरूकता अभियान तेजी से चल रहे हैं। जानें सरकार किस तरह जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने में जुटी है।
उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में बसे दुधवा नेशनल पार्क की शांति, जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य अब एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म बोर्ड ने दुधवा को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के ईको-टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना को अंतिम रूप दे दिया है।
इस व्यापक कार्ययोजना का लक्ष्य है, दुधवा तक पहुंच को आसान बनाना, पर्यटकों को विश्वस्तरीय अनुभव देना और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देना।लखनऊ 17 नवंबर 2025 को जारी आधिकारिक जानकारी में बताया गया कि राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद ये परियोजनाएं चरणबद्ध तरीके से धरातल पर उतरेंगी, जो दुधवा और उसके आस-पास के पूरे क्षेत्र को पर्यटन के नए मानचित्र पर स्थापित करेंगी।
लखनऊ से लखीमपुर के बीच एसी बस सेवा पूरे सीजन चलेगी, नई रूटों का भी प्रस्ताव
दुधवा में पहुंच आसान बनाने के लिए लखनऊ–लखीमपुर के बीच पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई जा रही एसी बस सेवा को पूरे इको टूरिज्म सत्र में जारी रखने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे राजधानी से दुधवा आने वाले पर्यटकों को बेहद आरामदायक यात्रा मिलेगी।साथ ही पर्यटकों की सुविधा बढ़ाने के लिए पलिया–मैलानी और बिछिया को जोड़ने वाली नई बस सेवा शुरू करने का सुझाव भी दिया गया है। यूपीएसआरटीसी को भेजे जाने वाले ये प्रस्ताव ग्रामीण क्षेत्रों को पर्यटन सर्किट से जोड़कर स्थानीय विकास में मदद करेंगे।
इसके अलावा, दुधवा तक रेल मार्ग को सशक्त बनाने के लिए दिल्ली–लखनऊ (मैलानी होते हुए) चलने वाली पुरानी ट्रेन को पुनः शुरू करने और उसमें एसी कोच जोड़ने का प्रस्ताव भी रखा गया है। यह कदम विशेष रूप से विदेशी और दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
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हिंडन से पलिया तक विमान सेवा: टेंडर प्रक्रिया जल्द, वीजीएफ मॉडल पर तैयारी
हवाई संपर्क को मजबूती देने के उद्देश्य से हिंडन एयरपोर्ट से पलिया तक विमान सेवा शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इस सेवा के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) मॉडल पर टेंडर तैयार किया जा रहा है। परियोजना में भारत में पंजीकृत कंपनियों, 6 सीटों वाले सिंगल या ट्विन इंजन विमानों और निजी चार्टर्ड कंपनियों को भाग लेने का अवसर दिया जाएगा। इस सेवा को बोर्ड द्वारा मंजूरी मिलने के बाद इसे जल्द लागू किया जाएगा, जिससे पर्यटकों की यात्रा का समय काफी कम होगा।
226 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं: दुधवा पहुंच होगी और भी सुगम
दुधवा तक सड़क मार्ग को मजबूत करने के लिए PWD ने 226.82 करोड़ रुपये की कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएं प्रस्तावित की हैं। इनमे प्रमुख हैं:
- पलिया हवाई पट्टी का चौड़ीकरण (3 मीटर से 10 मीटर) – 21.14 करोड़ रुपये
- किशनपुर रोड का 5.7 किमी चौड़ीकरण – 32.95 करोड़ रुपये
- लखीमपुर–बिजुआ–भीरा–पलिया मार्ग पर इंटरलॉकिंग – 21.6 करोड़ रुपये
- सिसईया–धौराहरा–पलिया रोड का 38.35 किमी सुदृढ़ीकरण – 134.23 करोड़ रुपये
इन सड़क परियोजनाओं के पूरा होने से दुधवा नेशनल पार्क तक पहुंच पहले से ज्यादा सुगम, सुचारू और सुरक्षित हो जाएगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
8 करोड़ रुपये के साइनेज और विस्टाडोम कोच अपग्रेडेशन को हरी झंडी
दुधवा और आसपास के क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाले पर्यटन अनुभव के लिए 8 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप साइनेज लगाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। इन साइनेज की डिजाइन तैयार है और अनुमोदन के बाद इन्हें जल्द ही पार्क में स्थापित किया जाएगा, जिससे पर्यटकों को दिशा-निर्देशन की बेहतर सुविधा मिलेगी।
अनुभवात्मक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 82-सीटर विस्टाडोम कोच के अपग्रेडेशन के लिए 19.28 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही कतर्नियाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य में गेरुआ नदी पर वर्तमान दो बोट के अतिरिक्त दो नई बोट सफारी शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा गया है, जिन्हें इको बोर्ड द्वारा संचालित किया जाएगा।
दुधवा मॉडल से स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को नई दिशा
इको टूरिज्म बोर्ड का मानना है कि इन परियोजनाओं के लागू होने से:
- दुधवा आ रहे पर्यटकों की संख्या में कम से कम 30 प्रतिशत बढ़ोतरी की संभावना है
- स्थानीय युवाओं, विशेषकर जनजातीय समुदायों के लिए नए रोजगार अवसर तैयार होंगे
- क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी
- उत्तर प्रदेश के ईको टूरिज्म सेक्टर को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान प्राप्त होगी
योगी सरकार का यह कदम न केवल दुधवा नेशनल पार्क को आधुनिक और सुलभ बनाएगा, बल्कि इसे भारत के प्रमुख ईको-टूरिस्ट डेस्टिनेशनों की श्रेणी में अग्रणी भी स्थापित करेगा।
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