जौनपुर में कोडीन कफ सिरप मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपी भोला जायसवाल को कोर्ट ने 5 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ड्रग विभाग ने फर्जी फर्मों और ऑटो-बाइक नंबरों से कागजी सप्लाई दिखाकर किए गए अवैध कारोबार का खुलासा किया है।
जौनपुर। नशे के अवैध कारोबार की परतें खोलते हुए जौनपुर में कोडीन कफ सिरप से जुड़ा मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। सोमवार को इस केस के आरोपी भोला जायसवाल को सोनभद्र जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच जौनपुर लाया गया, जहां उसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) न्यायालय में पेश किया गया। सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए 5 जनवरी तक जेल भेजने का आदेश दिया।
फर्जी फर्म, फर्जी ट्रक और कागजी खरीद-बिक्री
ड्रग विभाग की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुभाष चंद्र त्रिपाठी ने अदालत में चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि कोडीन कफ सिरप की खरीद और बिक्री सिर्फ कागजों में दर्शाई गई है। जिन फर्मों के नाम पर सप्लाई दिखाई गई, वे सभी फर्जी पाई गई हैं। इतना ही नहीं, दस्तावेजों में जिन ट्रकों से सिरप की ढुलाई दिखाई गई, वे असल में ट्रक थे ही नहीं, बल्कि उनके नंबर ऑटो और बाइक के निकले।
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संगठित अवैध कारोबार का आरोप
ड्रग विभाग ने इस पूरे मामले को सुनियोजित और संगठित तरीके से किया गया अवैध कारोबार बताया। अधिवक्ता ने अदालत से सख्त रुख अपनाने की मांग करते हुए कहा कि यह केवल एक आरोपी तक सीमित मामला नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी भोला जायसवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अदालत के फैसले के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी अहम खुलासे हो सकते हैं।
जांच जारी, बढ़ सकती है कार्रवाई
ड्रग विभाग और पुलिस की ओर से साफ किया गया है कि मामले की जांच अभी जारी है। दस्तावेजों, फर्जी फर्मों और सप्लाई नेटवर्क की गहन पड़ताल की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, जांच आगे बढ़ने पर इस अवैध धंधे से जुड़े अन्य लोगों पर भी शिकंजा कस सकता है।
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