जौनपुर में 400 मीटर × 8 लेन का अंतरराष्ट्रीय मानक का सिंथेटिक रनिंग ट्रैक बनकर तैयार हो गया है। वर्ल्ड एथलेटिक्स से प्रमाणित यह ट्रैक खिलाड़ियों को हर मौसम में प्रैक्टिस की सुविधा देगा। राज्य व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं और कैंप की राह खुलेगी।

लखनऊ। पूर्वांचल की मिट्टी अब और ज्यादा मेडल जीतने के लिए तैयार है। जौनपुर में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर का सिंथेटिक रनिंग ट्रैक बनकर तैयार हो गया है। इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स स्टेडियम में खिलाड़ी अब हर मौसम में इस ट्रैक पर अभ्यास कर सकेंगे।

865.92 लाख की लागत से बना 400 मीटर × 8 लेन का ट्रैक

सिंथेटिक रनिंग ट्रैक का निर्माण 865.92 लाख रुपये की लागत से पूरा किया गया है। यह 400 मीटर × 8 लेन का आधुनिक ट्रैक है, जिसे वर्ल्ड एथलेटिक्स से प्रमाणन मिल चुका है। अब इसे जल्द ही संबंधित विभाग को हैंडओवर किया जाएगा।

योगी सरकार ने पूरी की वर्षों पुरानी मांग

जौनपुर में लंबे समय से इंटरनेशनल लेवल के ट्रैक की जरूरत महसूस की जा रही थी। योगी सरकार ने खिलाड़ियों की इस मांग को पूरा करते हुए आधुनिक सिंथेटिक रनिंग ट्रैक का निर्माण करवाया है। उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि नया साल आते-आते खिलाड़ी इस नई सुविधा का उपयोग कर सकेंगे।

भारत में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से मजबूत

ओलंपिक, एशियाड और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत के बढ़ते पदक देश में खेल सुविधाओं के विकास को दर्शाते हैं। सरकार पिछले आठ वर्षों से खेल ढांचे को सुधारने में लगातार काम कर रही है, ताकि भारतीय खिलाड़ियों का प्रभाव विश्व स्तर पर और बढ़ सके।

स्थानीय खिलाड़ियों को मिलेगी बड़ी सुविधा

जिला क्रीड़ा अधिकारी चंदन सिंह ने कहा कि इस ट्रैक के बन जाने से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अब जो खिलाड़ी दूसरे जिलों में प्रैक्टिस कर रहे थे, वे जौनपुर में रहकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी कर सकेंगे।

स्टेट और नेशनल कैंप की राह खुलेगी

एथलेटिक्स कोच कृष्णा यादव ने बताया कि अब जौनपुर में स्पोर्ट्स कैंप लग सकेंगे। राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं भी यहां आयोजित की जा सकेंगी, जिससे नए खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और अनुभव मिलेगा।

खिलाड़ियों ने जताया खुशी और आभार

धाविका पूजा यादव ने कहा कि बारिश के मौसम में अभ्यास रुक जाता था, लेकिन सिंथेटिक ट्रैक की बदौलत अब हर मौसम में प्रैक्टिस हो पाएगी और परफॉर्मेंस भी बेहतर होगा। एथलीट नितेश चौहान ने कहा कि पहले मिट्टी और घास के ट्रैक पर प्रैक्टिस करनी पड़ती थी, जिससे सिंथेटिक ट्रैक पर होने वाली प्रतियोगिताओं में पिछड़ जाते थे। अब घर पर ही इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की सुविधा मिलना हमारे लिए सौभाग्य है।