Akhilesh Yadav Reaction On Kanpur Incident: कानपुर में सत्यम त्रिवेदी की पुलिस पिटाई का वीडियो वायरल, अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर साधा निशाना। पीड़ित ने इंस्पेक्टर पर जातिसूचक गालियां और जूतों से मारपीट का आरोप लगाया।

Kanpur Police Brutality: अक्सर सुर्खियों में रहने वाली यूपी पुलिस एक बार फिर विवादों में है। कानपुर के रतनपुर निवासी सत्यम त्रिवेदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सत्यम सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सामने फूट-फूटकर रोते हुए अपनी पीड़ा बयान कर रहे हैं। उनका आरोप है कि पनकी थाने के इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने न केवल उन्हें जूतों से पीटा, बल्कि जातिसूचक अपशब्द भी कहे।

पीड़ित सत्यम का दर्द, "चेहरे पर अब भी हैं चोट के निशान"

सत्यम त्रिवेदी ने बताया कि इंस्पेक्टर की पिटाई से उनके चेहरे पर आज भी चोट के निशान मौजूद हैं। उनका कहना है कि उन्हें थाने बुलाकर जमीन पर बैठाया गया, जबकि दूसरे पक्ष को कुर्सी दी गई। विरोध करने पर उन्हें गालियां दी गईं और बेरहमी से जूतों से पीटा गया।

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"25 दिन तक भटकता रहा, कहीं सुनवाई नहीं हुई"

पीड़ित के मुताबिक, इस घटना के बाद उन्होंने 25 दिन तक दर-दर भटककर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और वीडियो के जरिए अपनी आपबीती साझा की। इसी वीडियो को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर कर सरकार पर निशाना साधा।

अखिलेश यादव का वार, "सत्ता सजातीय की दबंगई का शिकार"

अखिलेश यादव ने पीड़ित का वीडियो साझा करते हुए लिखा, “सत्ता सजातीय की दबंगई का शिकार हो रहा है एक खास समाज, क्योंकि ‘हाता नहीं भाता’!” उन्होंने सत्यम को न्याय दिलाने का भरोसा दिया और योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

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जानकारी के मुताबिक, 25 अप्रैल को सत्यम का पड़ोसी से नाली को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्ष पनकी थाने पहुंचे, जहां इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने कथित तौर पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया। आरोप है कि उन्होंने एक पक्ष को कुर्सी पर बैठाया और सत्यम को जमीन पर बैठाकर गाली-गलौज व मारपीट की।

जांच एडीसीपी पश्चिम को सौंपी गई

घटना के बाद जब मामला सोशल मीडिया पर उठा और राजनीतिक रंग ले लिया, तब जाकर पुलिस प्रशासन हरकत में आया। सत्यम के अनुसार, वह पुलिस आयुक्त कार्यालय तक पहुंचे, जिसके बाद जांच की जिम्मेदारी एडीसीपी पश्चिम को सौंपी गई। हालांकि सत्यम का कहना है कि अब जांच का कोई मतलब नहीं, क्योंकि "जूते खाने के बाद इज्जत चली गई, अब रिपोर्ट बनाकर क्या होगा?"

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