कानपुरिया मशीन गन अब मचाएगा यूरोप में कोहराम
| Published : Oct 01 2024, 06:31 PM IST / Updated: Oct 01 2024, 06:33 PM IST
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प्रदेश के कानपुर में सरकारी ऑर्डिनेंस कंपनी स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री में काफी मजबूत और डिमांडिंग हथियार बनते हैं। स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की आर्म्स प्रोडक्शन यूनिट है। इसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 में किया गया था। इस कंपनी की देखरेख ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज कलकता डायरेक्ट्रेट से की जाती है।
1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस कंपनी केा रॉययल एयर फोर्स के एयरो इंजन्स की मरम्मत का जिम्मा था। लेकिन 1949 से इसे आर्म्स प्रोडक्शन यूनिट के रूप में बदल दिया गया।
स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री में 1949 से 0.303 ब्रेन गन का प्रोडक्शन होता था। इस ब्रेन गन को 1964 में 7.62 एमएम लाइट मशीन गन में तब्दील कर दिया गया। इस फैक्ट्री में एफएन बेल्जियम के साथ साथ 9 एमएम कार्बाइन, 51 एमएम मोर्टार, एमएजी 7.62 एमएम मशीन गन का प्रोडक्शन किया जाता है। इस कंपनी ने आधुनिक इंसास राइफल्स का भी प्रोडक्शन किया।
स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री ने 7.62 एमएम असॉल्ट राइफल और 5.56 एमएम कार्बाइन जैसे छोटे हथियारों का भी निर्माण किया। कानपुर फैक्ट्री में ही सिविलियन मार्केट के लिए रिवाल्वर भी बनाए जाते हैं। आम लाइसेंसधारियों के बीच यहां का रिवाल्वर काफी फेमस है।
कानपुर की ऑर्डिनेंस कंपनी को यूरोपीय देशों से मशीन गन्स सप्लाई का बड़ा आर्डर मिला है। यूरोपियन मार्केट से इस फैक्ट्री को एडवांस मॉडिफाई मीडियम मशीन गन का ऑर्डर मिला है। यह मशीन गन एक मिनट में 1000 राउंड फायर करने में सक्षम है। इस डील में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को 2000 एमएमजी की सप्लाई देनी है। यह तीन साल में सप्लाई कई खेप में देनी है।
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनने वाले एमएमजी ट्राइपॉड माउंट है और इसका वजन करीब 11 किलोग्राम है। यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक और एयरकूल्ड हथियार है। हालांकि, डील में इस गन को कुछ कस्टमाइज करके सप्लाई किया जाना है।
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