Uttar Pradesh News: काशी विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक की दरें बढ़ सकती हैं। सावन से पहले मंदिर प्रशासन ने प्लास्टिक पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और आरती के टिकट पहले ही बुक हो चुके हैं।

Kashi Vishwanath Temple: सावन माह की तैयारियों के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। अब श्रद्धालुओं के लिए रुद्राभिषेक कराना और महंगा हो सकता है। मंदिर प्रशासन ने दरों में संशोधन के लिए प्रस्ताव तैयार करने के संकेत दिए हैं।

तैयारियों को लेकर रविवार को विश्वनाथ धाम के बोर्ड रूम में मंडलायुक्त एस राजलिंगम की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई। इसमें मुख्य कार्यपालक अधिकारी समेत मंदिर प्रशासन, मुंशी और पूजा सामग्री आपूर्तिकर्ताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में भीड़ और व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में मौजूद मुंशी ने कहा कि मंदिर की ओर से रुद्राभिषेक के लिए 150 रुपये दिए जाते हैं, जो पिछले कई सालों से तय है। उन्होंने मांग की कि मौजूदा समय की लागत और जिम्मेदारी को देखते हुए इसमें बढ़ोतरी की जाए। इस पर प्रशासन ने सहमति जताई है।

बैठक के दौरान पूजा की थाली उपलब्ध कराने वाले विक्रेताओं ने भी अपनी समस्याएं साझा कीं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एक थाली की कीमत 65 रुपये है, लेकिन इसमें सामग्री सीमित है। इससे श्रद्धालुओं में नाराजगी है और वे असंतोष व्यक्त करते हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि रुद्राभिषेक के लिए वर्ष 2014 में शुल्क तय किया गया था, तब से इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इस पर मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि बाजार दरों और वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नया प्रस्ताव तैयार किया जाए।

प्लास्टिक पर प्रतिबंध, पर्यावरण के लिए सख्ती

धाम परिसर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया गया है। मंडलायुक्त ने आदेश जारी किया कि अब परिसर में सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इसमें प्लास्टिक के मग और दूध के कंटेनर भी शामिल होंगे। सावन में लाखों श्रद्धालु मंदिर में आते हैं, ऐसे में प्लास्टिक से निकलने वाला कचरा बड़ी समस्या बन जाता है। प्रशासन ने निर्णय लिया है कि इसके खिलाफ व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा और श्रद्धालुओं से वैकल्पिक सामग्री लाने को कहा जाएगा।

आरती के टिकटों की बुकिंग फुल

इस बार सावन में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक बाबा विश्वनाथ की चारों आरतियों के सभी टिकट पहले ही बुक हो चुके हैं। सिर्फ शयन आरती ही बिना टिकट के होती है, जो परंपरागत रूप से काशी के लोग करते हैं। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि इस बार डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए आ सकते हैं। यह संख्या अब तक के सबसे बड़े सावन में से एक मानी जा रही है। ऐसे में प्रशासन के लिए पहले से तैयारी करना चुनौती बन गया है। श्रद्धालुओं की भीड़, सुरक्षा और सुगम यातायात को ध्यान में रखते हुए मंडलायुक्त ने मंदिर प्रशासन को पुलिस, पीएसी, सीआरपीएफ और एनडीआरएफ जैसे विभागों से समन्वय बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इससे किसी भी आपात स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी।