Krishna Janmashtami 2025 City Wise Muhurat Timing : जन्माष्टमी 2025 पर श्रीकृष्ण पूजा का शुभ समय जानें। दिल्ली, मुंबई, मथुरा, वृंदावन सहित देशभर के शहरों के लिए सटीक पूजा मुहूर्त, पूजन विधि, श्रृंगार और मंत्र की पूरी जानकारी।

Krishna Janmashtami 2025 Puja Muhurat: पूरे देश में आज जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हर साल की तरह इस बार भी भक्तजन उपवास रखते हुए भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार करेंगे और मध्यरात्रि के समय पूजा-अर्चना कर बाल गोपाल का जन्मोत्सव मनाएंगे। लेकिन सवाल यह है कि पूजा का सबसे उत्तम समय कौन-सा है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

कब है जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त? Krishna Janmashtami 2025 Puja Muhurat

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। हालांकि इस बार अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त की सुबह 4:38 बजे शुरू होगा और 18 अगस्त को तड़के 3:17 बजे समाप्त होगा। इसलिए ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि आज रात का मध्यरात्रि मुहूर्त ही पूजा के लिए सर्वोत्तम रहेगा।

शहरवार जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त का समय कब है? (Krishna Janmashtami 2025 Puja Muhurat City Wise)

  • नई दिल्ली: रात 12:04 – 12:47 बजे तक
  • नोएडा: रात 12:03 – 12:46 बजे तक
  • पुणे: रात 12:16 – 01:02 बजे तक
  • चेन्नई: रात 11:50 – 12:36 बजे तक
  • जयपुर: रात 12:09 – 12:53 बजे तक
  • हैदराबाद: रात 11:58 – 12:43 बजे तक
  • गुरुग्राम: रात 12:04 – 12:48 बजे तक
  • चंडीगढ़: रात 12:06 – 12:49 बजे तक
  • कोलकाता: रात 12:19 – 01:03 बजे तक
  • मुंबई: रात 12:20 – 01:05 बजे तक
  • बेंगलुरु: रात 12:01 – 12:47 बजे तक
  • अहमदाबाद: रात 12:22 – 01:06 बजे तक
  • मथुरा-वृंदावन: रात 12:02 – 12:46 बजे तक

कैसे करें जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण का पूजन? (Shri Krishna Janmashtami 2025 Pujan vidhi)

जन्माष्टमी की सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें। यदि संभव हो तो निर्जल व्रत करें, अन्यथा फलाहार ले सकते हैं। मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर और घी) से स्नान कराएं और फिर स्वच्छ जल से अभिषेक करें।भगवान को पीताम्बर पहनाएं, फूल अर्पित करें और शंख में रखकर भोग लगाएं। पूजा के समय काले या सफेद वस्त्र पहनने से बचें।

कैसा हो कान्हा का श्रृंगार?

भगवान श्रीकृष्ण के श्रृंगार में पीले वस्त्र और ताजे फूलों का विशेष महत्व है। माथे और शरीर पर चंदन का लेप लगाएं। वैजयंती के फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। श्रृंगार के बाद कान्हा को आईना दिखाकर उनकी सुंदरता का दर्शन कराया जाता है।

जन्माष्टमी पर किन मंत्रों का करें जाप? (Krishna Janmashtami 2025 Mantra)

  • "हरे कृष्ण" महांत्र का जाप
  • "मधुराष्टक" का पाठ – प्रेम और आनंद के लिए
  • "श्रीमद्भगवद्गीता" का पाठ – कृष्ण को गुरु रूप में पाने के लिए
  • "गोपाल सहस्त्रनाम" का पाठ – मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए

जन्माष्टमी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भक्ति और विश्वास का उत्सव है। आधी रात को जब मंदिरों की घंटियां बजेंगी और "नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की" गूंजेगी, तब हर भक्त अपने मनोकामना के साथ भगवान श्रीकृष्ण की शरण में होगा। आज रात का मुहूर्त हर श्रद्धालु के लिए खास है, इसलिए समय पर पूजा कर बाल गोपाल के जन्म का उत्सव मनाना ही सबसे उत्तम होगा।