सार
प्रयागराज में जन सैलाब उमड़ा है। कुंभ मेले की धूम मची है। सनातन धर्म की संस्कृति का प्रतीक यह आयोजन पूरे देश में उत्साह का माहौल बना रहा है। महाकुंभ मेले में भक्तों का तांता लगा हुआ है। लगभग 45 दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ मेले में 45 करोड़ से ज़्यादा लोगों के आने की उम्मीद है। देश-विदेश से भक्तों के आने से व्यापारियों की चांदी हो रही है।
बड़े होटल, फल, कपड़े ही नहीं, छोटे-मोटे व्यापारियों के लिए भी यह कमाई का सुनहरा मौका है। भक्तों के साथ-साथ प्रयागराज में कंटेंट क्रिएटर्स की भी भीड़ लगी है। वे वहाँ की रोचक बातें लोगों तक पहुँचा रहे हैं। महाकुंभ मेले में किस तरह बिज़नेस किया जा सकता है, इस पर कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिन्हें देखकर लोग उनकी कमाई जानकर हैरान हैं।
तिलक लगाकर लाखों कमाएँ : एक व्यापारी ने बताया कि भक्तों को तिलक लगाकर कैसे कमाई की जा सकती है। उनका कहना है कि भक्तों को तिलक लगाकर आप 45 दिनों में 4 लाख से ज़्यादा कमा सकते हैं। पवित्र स्नान के बाद कुंभ मेले में आए भक्त तिलक लगवाते हैं। इसी को इस व्यापारी ने बिज़नेस बना लिया है। एक व्यक्ति को तिलक लगाने के 10 रुपये लेता है। उनका कहना है कि अगर आप रोज़ एक से दो हज़ार लोगों को तिलक लगाएँ, तो 10 से 20 हज़ार रुपये रोज़ कमा सकते हैं। यह बहुत कम लागत वाला बिज़नेस है। लेकिन कोशिश ज़रूरी है। भक्तों को तिलक लगवाने के लिए राज़ी करना आपके हाथ में है।
चाय की केतली : महाकुंभ मेले में पैसे कमाने का एक और तरीका है चाय की केतली। प्रयागराज महाकुंभ में ठंड होने के कारण लोग चाय पीना पसंद करते हैं। एक कप चाय 10 रुपये के हिसाब से अगर आप रोज़ 500 कप चाय बेचते हैं, तो रोज़ 5 हज़ार रुपये कमा सकते हैं। इस तरह 40 दिन काम करने पर अच्छी कमाई हो सकती है। कई लोग इस काम में जुट चुके हैं।
अन्य बिज़नेस : महाकुंभ मेला भक्ति के साथ-साथ व्यापार का भी बड़ा मौका देता है। छोटे-मोटे व्यापारी लाखों रुपये कमा रहे हैं। एक बेलपुरी वाला 20, 30, 50 रुपये प्रति प्लेट के हिसाब से रोज़ 500 प्लेट बेचने के अलावा चाय भी बेचकर अच्छी कमाई कर रहा है। वह कहता है कि महाकुंभ मेला लाखों कमाने का अच्छा मौका है। इतना ही नहीं, चुरमुरा, मसाला चना बेचने वाले कई व्यापारी भी मुनाफ़ा कमा रहे हैं। अगर दिमाग और शर्म छोड़ दी जाए, तो इंसान कहीं भी पैसे कमा सकता है। वीडियो देखकर लोग बिज़नेस आइडिया की तारीफ़ कर रहे हैं।