UP first expressway with trauma center: लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा, जिसमें ट्रामा सेंटर, फूड प्लाजा, ईवी चार्जिंग स्टेशन, गेम जोन जैसी सुविधाएं होंगी। हर दिन 40 हजार वाहन इस पर चल सकेंगे।
Lucknow Kanpur Expressway: उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार हो रहा है और इसी कड़ी में अब लखनऊ और कानपुर को जोड़ने वाला नया एक्सप्रेसवे चर्चा में है। यह सिर्फ दो बड़े शहरों को जोड़ने वाला रास्ता नहीं, बल्कि यात्रियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही एक पूरी सुविधा व्यवस्था है। इस एक्सप्रेसवे की खास बात यह है कि यह प्रदेश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा, जिसमें 10 बेड वाला ट्रामा सेंटर भी होगा - जो आपात स्थितियों में तुरंत राहत पहुंचा सकेगा।
क्या पहली बार किसी एक्सप्रेसवे पर मिलेगा ट्रामा सेंटर?
अब तक यूपी के किसी भी एक्सप्रेसवे पर ट्रामा सेंटर जैसी आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा नहीं थी। लेकिन लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे इस मामले में एक बड़ी पहल करने जा रहा है। दोनों शहरों के बीच 10 बेड वाला यह ट्रामा सेंटर यात्रा के दौरान होने वाली किसी भी दुर्घटना या मेडिकल इमरजेंसी में अहम भूमिका निभाएगा।
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वे-साइड एमेनिटीज: यात्रियों के लिए तैयार हो रहा है पूरा कॉरिडोर
इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर छह-छह हेक्टेयर ज़मीन पर यात्री सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इसमें फूड प्लाजा, पेट्रोल पंप, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, सामुदायिक शौचालय, गेम जोन और मेडिकल सुविधाएं शामिल हैं। इसका उद्देश्य यात्रियों को सिर्फ एक सुरक्षित यात्रा ही नहीं, बल्कि आरामदेह अनुभव भी देना है।
कहां-कहां पर मिलेंगी ये सुविधाएं?
एनएचएआई के मुताबिक, जरगांव (किमी 51.600) और शिवपुर ग्रांट (किमी 60.300) के पास वे-साइड एमेनिटीज तैयार की जा रही हैं। ये स्थान यात्रियों के लिए एक तरह से ‘रिलैक्सेशन हब’ की तरह होंगे, जहां वे लंबी यात्रा के दौरान रुककर ताज़गी महसूस कर सकेंगे।
ट्रैफिक मॉनिटरिंग और सुरक्षा का भी खास इंतजाम
सड़क पर सुरक्षा भी इस योजना का अहम हिस्सा है। एक्सप्रेसवे पर 50 से ज्यादा ट्रैफिक मॉनिटरिंग कैमरा सिस्टम (TMCS) लगाए जाएंगे, जो वाहन की गति, सीट बेल्ट जैसे नियमों पर निगरानी रखेंगे। इसके साथ ही कंट्रोल रूम, पुलिस चौकी और चौबीसों घंटे गश्त करने वाली पेट्रोलिंग यूनिट भी इसमें शामिल होंगी।
भविष्य की जरूरतों के अनुसार तैयार हुआ एक्सप्रेसवे
एक्सप्रेसवे को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर इसे 6 लेन से बढ़ाकर 8 लेन तक किया जा सकेगा। वहीं रोड की समतलता और जल निकासी को लेकर भी मशीन कंट्रोल गाइडेंस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है ताकि बरसात के मौसम में सड़क पर पानी न भरे और यातायात बाधित न हो।
रखरखाव की जिम्मेदारी किसके पास?
एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्यदायी संस्था PNC द्वारा किया जा रहा है। यही संस्था अगले 15 वर्षों तक इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी निभाएगी, वह भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के। इससे सड़क की गुणवत्ता बनाए रखने में सहायता मिलेगी।
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