Lucknow-Kanpur highway safety improvements: लखनऊ-कानपुर हाईवे पर जाम और हादसों से मिलेगी निजात! NHAI जल्द ही तीन फ्लाईओवर और दो फुट ओवरब्रिज का निर्माण शुरू करेगा। नवंबर 2025 से शुरू होने वाले इस काम से सफर आसान और सुरक्षित होगा।

Lucknow-Kanpur highway flyover construction: लखनऊ-कानपुर हाईवे से यात्रा करने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अब हाईवे पर हादसों और जाम की समस्या से निजात दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। एनएचएआई ने हाईवे पर तीन फ्लाईओवर और दो फुट ओवरब्रिज (FOB)बनाने का फैसला लिया है। यह निर्माण नवाबगंज, दही चौकी, त्रिभुवन खेड़ा, आशाखेड़ा और चमरौली में किया जाएगा।

पिछले तीन वर्षों में इन इलाकों में 10 से अधिक सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोगों की जान गई है। इसलिए इन बिंदुओं को ब्लैक स्पॉटघोषित किया गया है। निर्माण कार्य नवंबर 2025 से शुरू होने की संभावना है।

फ्लाईओवर और एफओबी से कम होगा सफर का समय

एनएचएआई पीडी कर्नल शरद सिंह के अनुसार, अभी लखनऊ से कानपुर की दूरी तय करने में औसतन तीन से साढ़े तीन घंटे लगते हैं। लेकिन फ्लाईओवर और एफओबी बनने के बाद यह समय घटकर दो से ढाई घंटे रह जाएगा। इससे यात्रा ज्यादा सुविधाजनक और सुगम हो जाएगी।

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सर्वे के बाद तय हुई निर्माण योजना

सड़क हादसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एनएचएआई ने दक्षिण भारत की एक निजी कंपनी से हाईवे पर सर्वे कराया था। इस सर्वे में नवाबगंज, दही चौकी और त्रिभुवन खेड़ा को फ्लाईओवर निर्माण के लिए उपयुक्त पाया गया, वहीं आशाखेड़ा और चमरौली में फुट ओवरब्रिज की जरूरत बताई गई।

इन सिफारिशों के आधार पर डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली गई है। फ्लाईओवर की लंबाई लगभग 700 मीटर होगी, जिससे इन इलाकों में लगने वाला जाम खत्म हो जाएगा।

लागत और निर्माण की समयसीमा

इस परियोजना पर करीब 150 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एनएचएआई का लक्ष्य है कि नवंबर 2025 से काम शुरू कर दिया जाए। इससे पहले लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य भी नवंबर तक पूरा हो जाने की संभावना है। एक्सप्रेसवे के बाद फ्लाईओवर और एफओबी हाईवे को और अधिक सुगम बनाएंगे।

यातायात और सुरक्षा दोनों में सुधार

इस परियोजना का उद्देश्य न केवल यातायात को सुचारु बनाना है, बल्कि सड़क हादसों को भी कम करना है। एनएचएआई की इस पहल से लखनऊ-कानपुर हाईवे की पहचान अब हाई रिस्क रूट से बदलकर स्मार्ट और सुरक्षित रूट बनने की ओर अग्रसर होगी।

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