पुराने लखनऊ के 122 मोहल्लों में अब घर का नक्शा पास कराने के लिए तहसील की एनओसी जरूरी नहीं होगी। एलडीए खुद अपने अभिलेखागार से विवरण लेकर मानचित्र स्वीकृत करेगा। नई व्यवस्था से लोगों को समय की बचत और अनावश्यक चक्कर से मुक्ति मिलेगी।

पुराने लखनऊ के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब शहर के 122 मोहल्लों में घर का नक्शा पास कराने के लिए तहसील से एनओसी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने शुक्रवार को आदेश जारी करते हुए नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब एलडीए खुद अपने रिकॉर्ड से सारी जानकारी निकालकर नक्शा पास करेगा, जिससे लोगों को चक्कर लगाने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।

पहले कैसी थी व्यवस्था और क्यों होती थी मुश्किल

अब तक किसी भी भवन मानचित्र को पास कराने के लिए कई विभागों से एनओसी लेनी पड़ती थी। इसमें तहसील, जलकल, नजूल, लैंड यूज, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट व अन्य विभाग शामिल थे। खासतौर पर पुराने लखनऊ के मोहल्लों में तहसील एनओसी जरूरी थी, जिसकी वजह से लोग बार-बार ऑफिसों के चक्कर काटते थे और नक्शा पास होने में देरी होती थी।

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एलडीए के पास पहले से मौजूद है मोहल्लों का पूरा रिकॉर्ड

जब एलडीए ने जांच की तो पता चला कि पुराने शहर के 122 मोहल्लों का पूरा रिकॉर्ड पहले से ही उनके अभिलेखागार में मौजूद है। यानी तहसील जाने की जरूरत ही नहीं है। इसी को देखते हुए नई व्यवस्था लागू कर दी गई है।

किन वार्डों के लोगों को मिलेगी राहत

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के मुताबिक अब हजरतगंज, गणेशगंज, वजीरगंज, यहियागंज, चौक, सआदतगंज और दौलतगंज वार्ड के 122 मोहल्लों में नक्शा पास कराने के लिए तहसील एनओसी नहीं लेनी होगी। हालांकि बाकी इलाकों के लिए अभी भी पहले जैसी प्रक्रिया लागू रहेगी।

लोगों को क्या फायदा होगा नई व्यवस्था से

नई व्यवस्था से लोग सीधा एलडीए में नक्शा पास कराने के लिए आवेदन देंगे और प्राधिकरण खुद अपने रिकॉर्ड से एनओसी निकाल लेगा। इससे समय बचेगा, झंझट कम होंगे और नक्शा पास करने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। प्राधिकरण ने यह भी तय किया है कि इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट और एलडीए की योजनाओं के नक्शे और ले-आउट भी अब सीधे अभिलेखागार से मानचित्र अनुभाग को उपलब्ध करवाए जाएंगे।

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