लखनऊ में तेंदुआ दिखने की अफवाह सोशल मीडिया पर वायरल हुई। आशियाना और गोमतीनगर से आई तस्वीरें एडिटेड निकलीं। वन विभाग की जांच में खुलासा हुआ और पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया। अखिलेश यादव ने भी सरकार से सवाल उठाए।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते कुछ दिनों से तेंदुआ दिखने की चर्चा ने लोगों को डरा दिया. सोशल मीडिया पर तेंदुए के फोटो और वीडियो वायरल होने लगे, जिनमें दावा किया गया कि यह जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में घूम रहा है. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि लोग घरों से निकलने से डरने लगे और विपक्ष ने भी सरकार से सवाल पूछ लिए. लेकिन वन विभाग की जांच में जब सच्चाई सामने आई, तो सब हैरान रह गए.

वन विभाग की जांच में निकला सच

तेंदुए के फोटो वायरल होने के बाद वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. जांच में पाया गया कि लखनऊ के आशियाना और गोमतीनगर से वायरल हुई तस्वीरें असली नहीं, बल्कि एडिटेड थीं. कुछ युवकों ने मौज-मस्ती के लिए इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जिसके बाद यह खबर आग की तरह फैल गई.

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वन पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लिया और पूछताछ की. युवक ने स्वीकार किया कि उसने ही तस्वीर को एडिट करके एक ग्रुप में डाला था. इसके बाद वन विभाग ने दो लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस को सौंप दिया. आशियाना थाने में इस मामले की तहरीर भी दर्ज की गई है.

अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

तेंदुआ दिखने की खबरों पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर तेंदुए की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “अब तो राजधानी तक आ गए… सरकार को पता चला क्या?” उनकी यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई.

दरअसल, लखनऊ के गोमतीनगर के विनय खंड और आशियाना के रुचि खंड से तेंदुए की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. इसके बाद स्थानीय लोगों ने भी तेंदुआ देखने का दावा किया, जिससे माहौल और गरमा गया. हालांकि वन विभाग की पड़ताल ने स्पष्ट कर दिया कि यह महज एक अफवाह थी और तस्वीरें एडिटेड थीं.

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