सीएम योगी ने माघ मेला 2026 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए बताया कि 800 हेक्टेयर में बसने वाले मेले में करीब 15 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। जल, बिजली, सफाई, सुरक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य और सीवर रोकथाम के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है।

प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को माघ मेला तैयारियों पर विस्तृत समीक्षा बैठक की और इसके बाद मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मेला कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है और कल्पवासियों व श्रद्धालुओं के लिए इस आयोजन को दिव्य और भव्य रूप दिया जाएगा।

मुख्य स्नान पर्वों की तिथियां और अनुमानित भीड़

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार माघ मेले की तिथि 15 दिन पहले आ रही है। प्रमुख स्नान तिथियां इस प्रकार हैं:

  • 3 जनवरी: पौष पूर्णिमा
  • 15 जनवरी: मकर संक्रांति
  • 18 जनवरी: मौनी अमावस्या
  • 23 जनवरी: बसंत पंचमी
  • 1 फरवरी: माघ पूर्णिमा
  • 15 फरवरी: महाशिवरात्रि

3 जनवरी से 1 फरवरी तक लाखों कल्पवासी एक माह तक संगम क्षेत्र में साधना करेंगे। अनुमान है कि डेढ़ महीने में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान करेंगे। प्रतिदिन 20–25 लाख लोग विभिन्न क्षेत्रों से यहां पहुंचेंगे। पूरा मेला 800 हेक्टेयर क्षेत्र में बसाया जा रहा है, जिसमें 7 सेक्टर निर्धारित हैं। श्रद्धालुओं के लिए 42 पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे।

2024 की तुलना में बड़ा मेला क्षेत्र

सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन सरकार ने ही किया था, जिसके नेतृत्व में सभी प्रमुख आयोजन संपन्न होते हैं। माघ मेला 2026 की तैयारी शुरू हो चुकी है और 2024 की तुलना में इसका दायरा बढ़ाया गया है। टीम के पास 2025 के सफल महाकुंभ का अनुभव है, जिसकी विश्वभर में सराहना हुई थी।

सभी विभाग मिलकर कर रहे हैं तैयारी

मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी सरकार ने सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करने के निर्देश दिए हैं।

  • सिंचाई विभाग: बाढ़ निरोधक उपाय और पर्याप्त जल उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
  • संगम में वर्तमान में 19–20 हजार क्यूसेक शुद्ध जल उपलब्ध है और मेला अवधि में भी कम से कम 10 हजार क्यूसेक जल सुनिश्चित किया जाएगा।
  • नमामि गंगे: जल की शुद्धता की जिम्मेदारी संभालेगा।
  • पावर कॉरपोरेशन: निरंतर विद्युत आपूर्ति और इलेक्ट्रिक सेफ्टी सुनिश्चित करेगा।
  • 47 किमी एचटी लाइन, 360 किमी एलटी लाइन और 25 अस्थायी सब स्टेशन का कार्य जारी है।

गंगा-यमुना में एक बूंद भी सीवर नहीं जाएगा

पीडब्ल्यूडी कनेक्टिंग और आंतरिक मार्गों का निर्माण करेगा, ताकि किसी भी प्रकार का सीवर रिसाव गंगा-यमुना में न पहुंचे।

  • 7 पांटून ब्रिज
  • 160 किमी चकर्ड प्लेट
  • जल निगम द्वारा 242 किमी पेयजल पाइपलाइन
  • 85 किमी सीवर लाइन

स्वास्थ्य सुविधाएं: दो हॉस्पिटल, 50 एंबुलेंस

श्रद्धालुओं के त्वरित उपचार के लिए:

  • 20-20 बेड के दो हॉस्पिटल
  • 12 PHC
  • एक वेक्टर कंट्रोल यूनिट
  • 5 आयुर्वेदिक व 5 होम्योपैथिक चिकित्सालय
  • 50 एंबुलेंस उपलब्ध रहेंगी

25 हजार शौचालय और 3000 सफाईकर्मी

नगर विकास विभाग द्वारा तैनात किए जा रहे हैं:

  • 25,000 शौचालय
  • 8,000 डस्टबिन
  • 10 लाख लाइनर बैग
  • 20 सक्शन गाड़ियां
  • 3,000 सफाईकर्मी

मेला सुरक्षा के लिए पुलिस की मजबूत व्यवस्था

मेला क्षेत्र में व्यापक सुरक्षा तैयारियां की जा रही हैं:

  • 17 थाने
  • 42 पुलिस चौकियां
  • 20 फायर टेंडर
  • 7 अग्निशमन चौकियां
  • 20 वॉच टावर
  • जल पुलिस थाना और कंट्रोल रूम
  • 8 किमी डीप वाटर बैरिकेडिंग यूपी पुलिस द्वारा लगाई जाएगी

3800 बसें रखेंगी श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान

भीड़ प्रबंधन और यातायात नियंत्रण के लिए 400 AI-enabled CCTV कैमरे, परिवहन के लिए 3800 बसें (इनमें 3000 बसें परिवहन निगम की होंगी), 75 शटल बसें, सिटी और मेला क्षेत्र के बीच इलेक्ट्रिक बसें, 200 बसें रिजर्व, टेंट सिटी का निर्माण तेज गति से जारी है।