सार

महाकुंभ 2025 की भगदड़ के बाद प्रयागराज में लावारिस लक्जरी गाड़ियां मिली हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं। इन गाड़ियों के मालिक कौन हैं और क्या इनका संबंध भगदड़ से है, यह जांच का विषय है।

महाकुंभ 2025 के मौनी अमावस्या के दिन संगम नगरी में मची भगदड़ ने प्रशासन को उलझन में डाल दिया था। अब इस भगदड़ के बाद एक और रहस्यमयी घटना ने हड़कंप मचा दिया है। कई दिनों से प्रयागराज के पार्किंग स्थलों पर लावारिस खड़ी लक्जरी गाड़ियों ने सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन की नींद उड़ा दी है। इन गाड़ियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है, और अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या ये गाड़ियां भगदड़ में शामिल किसी समूह से संबंधित हो सकती हैं या इनका कोई और आपराधिक संबंध है।

पार्किंग में लावारिस गाड़ियों की रहस्यमय उपस्थिति

मौनी अमावस्या के दिन जबरदस्त भीड़ के कारण पार्किंग स्थलों पर गाड़ियों का रिकॉर्ड ठीक से नहीं रखा जा सका। परिणामस्वरूप, अब कई पार्किंग स्थलों पर ऐसी गाड़ियां खड़ी पाई जा रही हैं, जिन्हें कई दिनों से कोई लेने नहीं आया। इन गाड़ियों में ज्यादातर लक्जरी वाहन हैं जो महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात और मध्य प्रदेश से संबंधित हैं।

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यमुनानगर के तेंदुआवन पार्किंग, COD पार्किंग, गंगानगर चक्र पार्किंग, और दबाव पार्किंग में कई लावारिस गाड़ियां खड़ी मिली हैं, जिनके बारे में पार्किंग संचालकों को कोई जानकारी नहीं है। यहां तक कि पुलिस भी इन गाड़ियों के बारे में कुछ नहीं जानती। उमाकांत यादव, एक पार्किंग संचालक ने बताया कि उनके यहां भी एक सफेद रंग की कार पिछले कई दिनों से खड़ी हुई है, जिसका कोई मालिक नहीं आया।

प्रशासन की सक्रियता और जांच की शुरुआत

लावारिस गाड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है। गाड़ियों के मालिकों का पता लगाने के लिए सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।

इन लावारिस गाड़ियों को लेकर क्षेत्रीय लोगों में कई तरह की आशंकाएं और सवाल उठ रहे हैं:

  • ये गाड़ियां किसकी हैं और इन्हें यहां कौन छोड़ गया?
  • क्या ये वाहन भगदड़ में शामिल किसी समूह से संबंधित थे?
  • क्या ये गाड़ियां अपराध से जुड़ी हो सकती हैं?

प्रशासन इन सभी पहलुओं से जांच कर रहा है ताकि किसी भी अनहोनी या साजिश की आशंका को सुलझाया जा सके और माहौल को शांत किया जा सके।

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