मेरठ के प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल में डॉक्टर को “भैया” कहने पर बच्ची के इलाज से इनकार का आरोप लगा है। घटना के बाद भारतीय किसान यूनियन ने धरना दिया। बच्ची को चक्कर आने से हड़कंप मच गया, जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।
अस्पताल जहां मरीज राहत की उम्मीद लेकर पहुंचते हैं, वहीं अगर सम्मान और संवेदना की जगह तकरार मिले तो मामला सड़कों तक पहुंच जाता है। मेरठ के प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल में सोमवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब एक बच्चे के इलाज से जुड़ा विवाद देखते ही देखते बड़े हंगामे में बदल गया और भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए।
बेटी का इलाज कराने पहुंचे किसान नेता, विवाद की शुरुआत
जानकारी के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी बिट्टू जंगेठी अपनी छह वर्षीय बेटी शिवांशी को सिर दर्द की शिकायत के चलते सीधे स्कूल से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। पर्चा बनवाने के बाद वह बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाने ओपीडी पहुंचे। आरोप है कि इसी दौरान उन्होंने डॉक्टर को सम्मानपूर्वक “भैया” कहकर बच्ची को देखने का अनुरोध किया, जिस पर डॉक्टर भड़क गए।
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इलाज से इनकार और अभद्रता का आरोप
किसान यूनियन का आरोप है कि डॉक्टर ने बिट्टू को फटकार लगाई, बच्ची का इलाज करने से इनकार कर दिया और अभद्रता करते हुए पर्चा भी फेंक दिया। इतना ही नहीं, बिट्टू और उनकी बेटी को ओपीडी से बाहर निकाल दिया गया और अस्पताल के गार्ड के साथ पुलिस को भी बुला लिया गया।
किसान यूनियन ने किया एसआईसी का घेराव
घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अनुराग चौधरी कार्यकर्ताओं के साथ जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पूरे मामले की शिकायत एसआईसी से की। बात बढ़ने पर किसान यूनियन के कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए। अस्पताल परिसर में घंटों तक हंगामे की स्थिति बनी रही।
बच्ची को आया चक्कर, बढ़ी चिंता
इसी बीच अस्पताल में मौजूद शिवांशी को अचानक चक्कर आ गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज शुरू किया। इस दौरान दिल्ली गेट थाना पुलिस भी मौके पर मौजूद रही।
अस्पताल प्रशासन ने मांगी माफी, कार्रवाई का भरोसा
मामले को शांत कराने के लिए कार्यवाहक अधीक्षक योगेश अग्रवाल ने किसान यूनियन कार्यकर्ताओं के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगी और पूरे प्रकरण की जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद जाकर धरना समाप्त हुआ।
समझौते के बाद शांत हुआ मामला
दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद सहमति बनी कि किसानों से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए वरिष्ठ डॉक्टर बीपी कौशिक जिम्मेदार होंगे। साथ ही अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों के साथ व्यवहार में सुधार किया जाएगा और अभद्रता करने वाले कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी।
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