Meerut Metro inauguration: मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट नवरात्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाकर शुरू किया जा सकता है। 38.60 किमी लंबी इस मेट्रो में कुल 13 स्टेशन होंगे, जिनमें एलिवेटेड, भूमिगत और जमीनी स्तर के स्टेशन शामिल हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहर मेरठ का सपना अब पूरा होने के कगार पर है। सालों से जिस मेट्रो परियोजना का इंतजार हो रहा था, वह अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। नवरात्र के शुभ अवसर पर किसी भी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर यात्रियों को तोहफा दे सकते हैं। यह प्रोजेक्ट सिर्फ मेरठ ही नहीं बल्कि पूरे एनसीआर के लिए ट्रांसपोर्टेशन के नए युग की शुरुआत करेगा।
कैसे शुरू हुआ मेरठ मेट्रो का सफर?
मेरठ मेट्रो का खाका साल 2016 में बना, जब रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विसेज (RITES) ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपी। इसके बाद 8 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ मेट्रो और रैपिड रेल प्रोजेक्ट की नींव रखी। जून 2019 में निर्माण कार्य शुरू हुआ और अब प्रोजेक्ट पूरा होने की कगार पर है।
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मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट की खासियतें
- कुल लंबाई: 38.60 किलोमीटर
- पहला चरण: 23.60 किलोमीटर
- कुल स्टेशन: 13
- अधिकतम गति: 135 किमी/घंटा
- परिचालन गति: 120 किमी/घंटा
यहां यात्रियों को आधुनिक ट्रांसपोर्टेशन के साथ-साथ सुरक्षित और तेज़ सफर की सुविधा मिलेगी।
स्टेशन डिटेल्स
- एलिवेटेड स्टेशन: मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम
- भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, वैशाली, बेगमपुर
- जमीनी स्तर का स्टेशन: मोदीपुरम डिपो
अब किसके पास है जिम्मेदारी?
मेरठ मेट्रो का स्वामित्व फिलहाल नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) के पास है। NCRTC ही इसके संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेगा।
क्या है फायदा?
मेरठ मेट्रो शुरू होने के बाद दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के साथ इसका सीधा कनेक्शन मिलेगा। इससे यात्री बेहद कम समय में दिल्ली, गाजियाबाद और एनसीआर के अन्य हिस्सों तक पहुंच सकेंगे।
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