सार

बाहुबली मुख्तार अंसारी पर उसरी चट्टी केस के 22 साल बाद एक मुकदमा दर्ज किया गया है। एडीजी के निर्देश पर पुलिस ने यह मुकदमा दर्ज किया है। केस को लेकर पुलिस जांच में जुटी हुई है।

गाजीपुर: जनपद के थाना क्षेत्र उसरी चट्टी के पास मुख्तार अंसारी के काफिले पर हुए हत्या के मामले में 22 साल बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। मुख्तार अंसारी समेत 5 के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज हुआ है। एडीजी के आदेश पर हुई कार्रवाई के बाद इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है। ज्ञात हो कि 15 जुलाई 2001 को यूसुफपुर फाटक आवास से मऊ जाने के दौरान हमलावरों ने इस घटना को अंजाम दिया था। इसमें उनके सरकारी गनर समेत 3 लोग मारे गए थे। घटना में कुल 9 लोग घायल हुआ थे।

नहीं हो पा रही मुख्तार अंसारी की गवाही

इस घटना के दौरान बिहार के बक्सर जनपद के राजपुर थाना अंतर्गत सगरांव गांव के मनोज राय की भी हत्या हुई थी। मुख्तार की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में माफिया बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह को नामजद किया गया था। यह केस अभी भी न्यायालय में है। इस केस में मुख्तार अंसारी की गवाही भी होनी है। हालांकि हर तारीख पर किसी न किसी कारण के चलते बांदा जेल में बंद मुख्तार की गवाही नहीं हो पा रही है। इसी बीच मनोज राय के पिता शैलेंद्र ने बेटे की हत्या को लेकर एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार से शिकायत की।

एडीजी के निर्देश पर दर्ज हुआ मुकदमा

कहा गया कि उनके बेटे की हत्या मुख्तार और उसके सहयोगियों ने की थी। इस मामले को लेकर पुलिस मुकदमा नहीं दर्ज कर रही है। जिसके बाद एडीजी के निर्देश पर शैलेंद्र राय की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। पुलिस ने मुख्तार अंसारी, चालक सुरेंद्र शर्मा, शाहिद, गौस मोइनुद्दीन और कमाल के खिलाप धारा 147, 148,149 और 302 में मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि मनोज राय को मुख्तार अंसारी के गिरोह के लोग उसकी ससुराल अवथही से उठाकर ले गए थे। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस पड़ताल में लगी हुई है।

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