Muskan Mishra SP Controversy: कभी सपा की सोशल मीडिया आइकन रही मुस्कान मिश्रा पर गाज क्यों गिरी? अयोध्या के महंत राजू दास से मुलाकात ने क्या बदल दी उनकी किस्मत? क्या ये सिर्फ एक मुलाकात थी या राजनीति के भीतर कुछ और चल रहा था? रहस्य अभी बाकी है।
UP Politics Latest News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की महिला इकाई में बड़ा झटका लगा है। पार्टी की चर्चित युवा नेता और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर मुस्कान मिश्रा (Muskan Mishra) को उनके पद से हटा दिया गया है। वजह बनी-अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर (Hanumangarhi Temple) के महंत राजू दास (Raju Das) से मुलाकात का एक वायरल वीडियो (Viral Video)। यह मुलाकात इतनी महंगी पड़ गई कि पार्टी ने इसे अपने सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए सख्त कार्रवाई कर दी।
कौन हैं मुस्कान मिश्रा?
मुस्कान मिश्रा लखनऊ की रहने वाली 25 वर्षीय युवा नेता हैं। वह समाजवादी पार्टी की डिजिटल कैंपेनिंग का चेहरा मानी जाती थीं। इंस्टाग्राम पर उनके 6.68 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, और वे अक्सर पार्टी के प्रचार से जुड़े वीडियो और पोस्ट शेयर करती थीं। उन्होंने 21 सितंबर 2024 को सपा की सदस्यता ली थी और जुलाई 2024 में उन्हें समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था।
आखिर क्या हुआ अयोध्या में?
13 अक्टूबर को मुस्कान मिश्रा अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने महंत राजू दास से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने उन्हें माला पहनाई, और यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो के वायरल होते ही सपा कार्यकर्ताओं में नाराज़गी फैल गई। कई नेताओं ने सवाल उठाए कि जिस महंत ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव पर कई बार अपमानजनक टिप्पणियां कीं, उनसे मुलाकात कैसे की जा सकती है?
सपा ने क्यों लिया एक्शन?
सपा महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने इस पर तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने मुस्कान मिश्रा को पत्र जारी करते हुए लिखा कि उन्हें राष्ट्रीय सचिव पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है, क्योंकि उनका यह व्यवहार पार्टी के मूल्यों और विचारधारा के खिलाफ है। सपा नेताओं का कहना है कि यह कदम पार्टी की छवि को बचाने के लिए जरूरी था, ताकि जनता और कार्यकर्ताओं में गलत संदेश न जाए।
क्या मुस्कान मिश्रा फिर से पार्टी में लौट पाएंगी?
अब बड़ा सवाल यही है-क्या मुस्कान मिश्रा की वापसी होगी? राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुस्कान अपनी सफाई पेश कर सकती हैं। वहीं, कुछ समर्थक यह भी कह रहे हैं कि उन्होंने धार्मिक सद्भाव के भाव से मुलाकात की थी, न कि किसी राजनीतिक उद्देश्य से।
