Dengue Awareness Campaign 2025 : उत्तर प्रदेश में 15 अगस्त से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए नगर निगम फॉगिंग, एंटी लार्वा छिड़काव और जागरूकता अभियान शुरू करेगा। सभी 110 वार्डों में सफाई और निगरानी अभियान चलेगा।

Dengue Prevention Campaign: बरसात के मौसम में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। खासकर अगस्त के मध्य से लेकर नवंबर तक, डेंगू के मामलों में अचानक उछाल देखा जाता है। यही वजह है कि नगर निगम अब 15 अगस्त से पूरे शहर में वेक्टरजनित बीमारियों के खिलाफ एक बड़े अभियान की शुरुआत करने जा रहा है।

फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव कैसे रोकेंगे बीमारी?

नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इस अभियान के तहत 150 हैंड हैंडलिंग फॉगिंग मशीनों से संकरी गलियों में मच्छरों को खत्म किया जाएगा। साथ ही, 220 एंटी लार्वा मशीनों से दवा का छिड़काव होगा ताकि डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के अंडे पनप ही न सकें।

फॉगिंग और एंटी लार्वा का ये संयुक्त प्रयास उन इलाकों में ज्यादा किया जाएगा, जहां पहले मच्छरजनित बीमारियों के केस ज्यादा सामने आए हैं।

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क्या केवल छिड़काव ही काफी है?

नहीं। नगर निगम सिर्फ दवा छिड़काव तक सीमित नहीं रहेगा। वार्डों में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों के माध्यम से लोगों को माइक पर जागरूक किया जाएगा। हर वार्ड में यह गाड़ियां डेंगू से बचाव के आसान उपाय बताएंगी — जैसे कूलर और गमलों का पानी खाली करना, छत पर जमा टायर या बर्तनों में पानी न छोड़ना, और आसपास साफ-सफाई रखना।

खाली भूखंड और जलभराव: सबसे बड़ा खतरा कहां से?

बारिश के बाद शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो जाता है, जो डेंगू और मलेरिया का सीधा निमंत्रण है। ऐसे में नगर निगम ने जलनिकासी के लिए विशेष टीम तैयार की है जो इन इलाकों में जाकर पानी निकालेगी।

खाली भूखंडों और नालियों की सफाई के लिए सफाईकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की जा रही है। कुछ तालाबों में ड्रोन के माध्यम से दवा छिड़काव की योजना भी बनाई गई है, जिससे पहुंच से दूर इलाकों में भी सफाई सुनिश्चित हो सके।

कब और क्यों बढ़ते हैं डेंगू के केस?

अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर और नवंबर डेंगू के मामलों के लिहाज से सबसे संवेदनशील महीने होते हैं। इसका कारण यह है कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर एडीज एजीप्टी साफ और ठहरे पानी में पनपता है, और यह दिन के समय काटता है। यही कारण है कि इस समय अधिक सतर्कता और साफ-सफाई की जरूरत होती है।

लोगों की भूमिका कितनी अहम?

स्वास्थ्य विभाग मानता है कि प्रशासनिक प्रयास तभी सफल होंगे जब आम लोग भी जागरूक बनें। इसलिए नगर निगम की टीमें घर-घर जाकर लोगों को यह बताएंगी कि डेंगू से कैसे बचा जा सकता है।

मूल बातें - कूलर का पानी हर 3 दिन में बदलना, छतों पर बर्तन या टायरों में पानी जमा न होने देना, फ्रिज की ट्रे को खाली रखना और घर के आसपास साफ-सफाई बनाए रखना - इन आसान उपायों से ही बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।

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