Jamboree In Uttar Pradesh After 61 Years: लखनऊ में नवंबर 2025 में भारत स्काउट एंड गाइड्स की 19वीं राष्ट्रीय जम्बूरी का आयोजन होगा। पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन और सीएम योगी करेंगे मेजबानी। 32 हजार युवा होंगे शामिल, टेंट सिटी बनेगी आयोजन स्थल।
राजधानी लखनऊ इस नवंबर इतिहास रचने जा रहा है। 61 साल बाद उत्तर प्रदेश को भारत स्काउट एंड गाइड्स की 19वीं राष्ट्रीय जम्बूरी की मेजबानी का अवसर मिला है। यह आयोजन केवल एक शिविर नहीं, बल्कि युवा शक्ति का महापर्व साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 नवंबर को इसका उद्घाटन करेंगे, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे।
टेंट सिटी बनेगी युवाओं का अस्थायी घर
वृंदावन योजना में 23 से 29 नवंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम के लिए एक विशाल गेटेड टेंट सिटी तैयार की जा रही है। इसमें 35 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था होगी। सरकार ने इस आयोजन को विश्वस्तरीय स्वरूप देने के लिए तमाम आधुनिक सुविधाओं की योजना बनाई है।
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29 सितंबर को होगा भूमि पूजन
तेजी से काम आगे बढ़ाने के लिए 29 सितंबर को भूमि पूजन कार्यक्रम रखा गया है। इसमें कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, योगेंद्र उपाध्याय, संदीप सिंह, गुलाब देवी और भारत स्काउट एंड गाइड्स के शीर्ष पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
1964 के बाद यूपी को फिर से मिली मेजबानी
भारत में पहली बार जम्बूरी 1953 में हैदराबाद में हुई थी। 1964 में प्रयागराज ने चौथे जम्बूरी की मेजबानी की थी। तब से अब तक देश में 18 राष्ट्रीय जम्बूरी हो चुकी हैं, लेकिन यूपी को दोबारा यह मौका अब जाकर मिला है।
रोमांच, खेल और संस्कृति का संगम
इस जम्बूरी में देश-विदेश के 32 हजार युवा हिस्सा लेंगे। यहां खेलकूद, विज्ञान प्रदर्शनी, साहसिक गतिविधियां और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संगम होगा। यह आयोजन अनुशासन, आत्मनिर्भरता और टीमवर्क जैसे मूल्यों को भी नई पीढ़ी तक पहुंचाएगा।
प्रधानमंत्री का जम्बूरी से जुड़ाव
जम्बूरी का रिश्ता प्रधानमंत्री मोदी से भी पुराना है। 2009 में अहमदाबाद में आयोजित जम्बूरी में वे बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। अब प्रधानमंत्री के रूप में वे लखनऊ से 32 हजार से अधिक युवाओं को प्रेरित करेंगे।
नई पीढ़ी को मिलेगा नेतृत्व का पाठ
यह आयोजन सिर्फ एक सप्ताह का शिविर नहीं, बल्कि नेतृत्व, जिम्मेदारी और सामाजिक दायित्व का जीवंत पाठ है। यहां से निकलने वाली सीख न केवल युवाओं की सोच बदलेगी, बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में नई ऊर्जा भी देगी।
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