Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में नौसेना शौर्य संग्रहालय के शीघ्र निर्माण के निर्देश दिए। यह संग्रहालय भारतीय नौसेना की वीरता, तकनीकी क्षमता और समुद्री गौरव को प्रदर्शित करेगा। इसमें INS गोमती, TU-142 विमान और 7D थिएटर आकर्षण होंगे।
Naval Shaurya Museum: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार (30 अक्टूबर) को संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में लखनऊ में प्रस्तावित ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ (Naval Gallantry Museum) की प्रस्तुति देखी और इसके शीघ्र निर्माण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय भारतीय नौसेना के शौर्य, पराक्रम और सामुद्रिक शक्ति का प्रतीक बनेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि समुद्र भारत की सभ्यता का आधार रहा है, और भारतीय नौसेना उसी गौरवशाली परंपरा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। लखनऊ में बनने वाला यह संग्रहालय जनता तक इस गौरव को पहुँचाने का माध्यम होगा।
जहाज के आकार में बनेगा संग्रहालय
बैठक में जानकारी दी गई कि संग्रहालय का डिज़ाइन एक जहाज के अमूर्त रूप में होगा। इसमें जहाज की रेलिंग, पोर्थोल खिड़कियाँ, नौसैनिक वास्तुकला और समुद्री प्रतीकों का प्रयोग किया जाएगा। परिसर में इंटरप्रिटेशन सेंटर, सेंट्रल डेक, ओपन एयर मेमोरियल, थीमैटिक वॉकवे, प्रदर्शनी गैलरी, फाउंटेन और लाइट-एंड-साउंड एरिना जैसी आकर्षक सुविधाएँ होंगी। डिज़ाइन को ऊर्जा-संवेदनशील रखा गया है, जिसमें प्राकृतिक रोशनी, वेंटिलेशन और हरित निर्माण तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
‘अनुभव का केंद्र’ बनेगा नौसेना संग्रहालय
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह संग्रहालय केवल देखने योग्य न होकर एक “अनुभव केंद्र” (Experience Center) बने, जहाँ दर्शक इतिहास को महसूस कर सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि डिजिटल, इंटरएक्टिव और इमर्सिव तकनीक का प्रयोग किया जाए, जिससे लोग नौसेना के युद्ध, अभियान और तकनीकी प्रगति को प्रत्यक्ष अनुभव कर सकें। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि संग्रहालय में छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ी जानकारी भी शामिल की जाए।
दो प्रमुख हिस्सों में बनेगा प्रोजेक्ट
प्रस्तुति में बताया गया कि यह परियोजना दो हिस्सों में विकसित होगी —
- आईएनएस गोमती शौर्य स्मारक (INS Gomti Shaurya Smarak)
- नौसेना शौर्य वाटिका (Naval Shaurya Vatika)
आईएनएस गोमती (F-21) भारतीय नौसेना का स्वदेशी मिसाइल फ्रिगेट है, जिसने 34 वर्षों तक सेवा दी। इसने ‘ऑपरेशन कैक्टस’ और ‘ऑपरेशन पराक्रम’ जैसे मिशनों में भाग लिया। इसे संरक्षित कर संग्रहालय परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि नागरिक और युवा इसकी बहादुरी को करीब से देख सकें।
‘नौसेना शौर्य वाटिका’ बनेगी आकर्षण का केंद्र
मुख्यमंत्री ने नौसेना शौर्य वाटिका को परियोजना का खास आकर्षण बताया। इसमें टीयू-142 विमान, जिसने 29 वर्षों तक समुद्री निगरानी और आपदा राहत में योगदान दिया, प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ सी किंग एसके-42बी हेलीकॉप्टर भी स्थापित होगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वाटिका युवाओं को नौसैनिक तकनीक और अभियानों से जोड़ने का प्रेरणादायक केंद्र बनेगी।
7D थिएटर और सिम्युलेटर देंगे रोमांचक अनुभव
संग्रहालय परिसर में कई आधुनिक और रोमांचक सुविधाएँ होंगी, जिनमें 7D थिएटर, एयरक्राफ्ट कैरियर लैंडिंग सिम्युलेटर, वॉरशिप सिम्युलेटर, सबमर्ज्ड द्वारका मॉडल, डिजिटल वाटर स्क्रीन शो और मरीन लाइफ एक्वेरियम शामिल हैं। इसके अलावा, ‘ड्रेस लाइक योर हीरोज’, वीरता पुरस्कारों, ऐतिहासिक नौसैनिक अभियानों और स्वदेशी रक्षा नवाचारों पर आधारित इंटरएक्टिव गैलरियाँ भी विकसित की जाएंगी।
समिति करेगी निगरानी और विकास कार्य
परियोजना की निगरानी के लिए महानिदेशक पर्यटन की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जिसमें मेरिटाइम हेरिटेज सोसाइटी, यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन और नौसेना विशेषज्ञ शामिल हैं। यह समिति परियोजना के विकास, गुणवत्ता और समय पर पूर्णता पर नजर रखेगी।
भारत के समुद्री गौरव का केंद्र बनेगा लखनऊ
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से उत्तर प्रदेश में समुद्री गौरव और सांस्कृतिक चेतना को नया जीवन मिलेगा। यह संग्रहालय केवल भारतीय नौसेना की वीरता का प्रतीक नहीं, बल्कि भारत की समुद्री आत्मा (Maritime Spirit) का प्रतिनिधित्व करेगा। योगी आदित्यनाथ ने विश्वास जताया कि यह संग्रहालय उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगा और देशभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
