भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएम मोदी पर विवादित पोस्ट से जुड़े मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताते हुए पुलिस को जांच जारी रखने के निर्देश दिए।
लखनऊ की सर्दियों भरी सुबह में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में शुक्रवार को माहौल अचानक गंभीर हो गया। अदालत में एक ऐसा फैसला सुनाया गया, जिसने भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की परेशानियों को नई दिशा दे दी। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मामला न सिर्फ संवेदनशील है, बल्कि इसमें लगाए गए आरोप प्राथमिक दृष्टया संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं। यही वजह रही कि हाईकोर्ट ने नेहा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
संवेदनशील समय में विवादित पोस्ट, हाईकोर्ट ने कहा ‘गंभीर मामला’
नेहा सिंह राठौर के उस सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर यह विवाद शुरू हुआ था, जिसे पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक्स प्लेटफॉर्म पर साझा किया गया था। अदालत ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि घटना अत्यंत संवेदनशील समय में हुई थी और इस परिस्थिति में ऐसे आरोपजनक पोस्ट का सार्वजनिक होना गंभीर चिंता का विषय है। इस मामले में इसी साल अप्रैल में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी।
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किस पोस्ट ने बढ़ाई मुश्किलें? पीएम मोदी पर सीधे आरोप
पहलगाम अटैक के बाद नेहा ने एक्स पर लिखा था कि प्रधानमंत्री मोदी बिहार केवल पाकिस्तान को धमकाने और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट हासिल करने आए थे। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों को पकड़ने के बजाय बीजेपी देश को युद्ध की ओर ले जा रही है। प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह के सीधे आरोपों वाले पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बड़ा विवाद पैदा कर दिया था।
पहले भी खारिज हुई थी एफआईआर रद्द करने की याचिका
एफआईआर दर्ज होते ही नेहा हाईकोर्ट पहुंची थीं और उन्होंने मांग की थी कि FIR को रद्द कर दिया जाए। लेकिन अदालत ने 19 सितंबर को यह अर्जी खारिज कर दी थी और जांच में सहयोग करने का स्पष्ट निर्देश दिया था। इसके बावजूद, शासकीय अधिवक्ता डॉ वीके सिंह ने कोर्ट में बताया कि नेहा समन के बावजूद जांच में सहयोग नहीं कर रहीं।
अदालत के कड़े शब्द: ‘जांच में सहयोग करना होगा, अपराध गंभीर’
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि नेहा के खिलाफ लगे आरोप सामान्य श्रेणी के नहीं हैं। ऐसे मामलों में पुलिस को जांच का पूरा अधिकार है। इसी आधार पर अदालत ने अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी।
गिरफ्तारी का डर बढ़ा, सुप्रीम कोर्ट ही अब आखिरी रास्ता
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद नेहा सिंह राठौर की गिरफ्तारी की संभावना काफी बढ़ गई है।हालांकि, उनके वकीलों ने संकेत दिए हैं कि वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। यह मामला अब एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय सुरक्षा व सम्मान के बीच चल रही बहस को गर्माता हुआ नजर आ रहा है।
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