असीम अरुण ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में एक भी गुंडे की पैरवी के लिए उनके पास भाजपा कार्यालय से फोन नहीं आया। जब मैं एटीएस चीफ था, तब मैंने बहुत क्रिमिनल्स को गिरफ्तार किया। कभी किसी को छोड़ने, उस पर ढिलाई बरतने के लिए भाजपा दफ्तर या उनके किसी नेता, मंत्री का फोन मुझे नहीं आया। इस तरह की बातों से प्रभावित होकर ही वह इस पार्टी से जुड़े हैं।