इस शोध कार्य को विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, द्वारा वित्त पोषित किया गया था। इस अध्ययन के नतीजे निष्कर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित शोध पत्रिका “एपोप्टोसिस” में दो भागों में प्रकाशित हुए हैं।