योगी सरकार के नेतृत्व में यूपी में बन रहे पीएम मित्र पार्क में अब तक 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। आदित्य बिरला ग्रुप सहित 95 कंपनियां निवेश को लेकर उत्साहित हैं। इस परियोजना से एक लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे।

औद्योगिक क्रांति के अगले पड़ाव पर उत्तर प्रदेश तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों का परिणाम है कि राजधानी लखनऊ और हरदोई में बन रहे पीएम मित्र पार्क में अब तक 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। यह निवेश न केवल राज्य के औद्योगिक नक्शे को बदलने वाला है, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगा।

यूपी बनेगा भारत का टेक्सटाइल हब

योगी सरकार की योजना है कि यूपी को भारत का सबसे बड़ा टेक्सटाइल हब बनाया जाए जहां कपड़ा निर्माण से लेकर गारमेंट एक्सपोर्ट तक की हर गतिविधि एक ही छत के नीचे हो। हैंडलूम एंड टेक्सटाइल डिपार्टमेंट अब तक 95 औद्योगिक इकाइयों के साथ एमओयू कर चुका है, जो निवेशकों के बढ़ते भरोसे का प्रमाण है।

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दिग्गज कंपनियाँ भी कर रहीं निवेश की तैयारी

आदित्य बिरला ग्रुप ने पीएम मित्र पार्क में 30 एकड़ में स्पिनिंग और वीविंग यूनिट लगाने की योजना बनाई है। वहीं, अजूल डेनिमकार्ट 15 एकड़ में डेनिम फैब्रिक यूनिट स्थापित करेगा। टीटी लिमिटेड, जीईएसएल स्पिनर्स, एसएवीएम इंक और जियोसिस इंडिया जैसी प्रतिष्ठित कंपनियाँ भी अपनी इकाइयाँ स्थापित करने को तैयार हैं। इसके अलावा, ओखला गारमेंट एंड टेक्सटाइल क्लस्टर 125 एकड़ में एक गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग हब स्थापित करेगा, जिससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।

रोजगार सृजन और नए अवसर

पार्क के निर्माण के बाद 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की उम्मीद है, जिससे एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार अवसर पैदा होंगे। परियोजना के संचालन के लिए ‘पीएम मित्र पार्क उत्तर प्रदेश लिमिटेड’ नाम से एसपीवी गठित किया गया है, जिसमें 51% हिस्सेदारी राज्य सरकार की और 49% केंद्र सरकार की होगी।

बेहतर कनेक्टिविटी निवेशकों के लिए आकर्षण

पार्क की भौगोलिक स्थिति भी इसकी सबसे बड़ी ताकत है - यह लखनऊ एयरपोर्ट से 45 किमी, मलिहाबाद रेलवे स्टेशन से मात्र 15 किमी और नेशनल हाइवे से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। औद्योगिक कनेक्टिविटी और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि यह परियोजना न केवल ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों को गति देगी, बल्कि देश की कपड़ा उद्योग नीति में यूपी को अग्रणी बनाएगी।

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