Who is Prateek yadav: अखिलेश यादव के भाई प्रतीक यादव ने रियल एस्टेट कारोबारी पर धोखाधड़ी, धमकी और रंगदारी का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई है। मामले की जाँच जारी है और इसमें राजनीतिक एंगल की भी आशंका जताई जा रही है।

Prateek Yadav FIR against real estate agent: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अखिलेश यादव हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इस बार खबरों में हैं उनके छोटे भाई प्रतीक यादव, जो आमतौर पर राजनीति से दूरी बनाए रखते हैं। हाल ही में प्रतीक यादव ने एक रियल एस्टेट कारोबारी और उसके परिवार के खिलाफ गंभीर आरोपों के साथ गौतमपल्ली थाने में FIR दर्ज करवाई है, जिससे मामला गरमा गया है।

इस मामले से पहले प्रतीक यादव का नाम अक्सर सार्वजनिक मंचों से दूर ही रहा है, लेकिन इस शिकायत ने उन्हें सुर्खियों के केंद्र में ला दिया है।

कौन हैं प्रतीक यादव? क्या करते हैं अखिलेश के यह सौतेले भाई?

प्रतीक यादव, समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे हैं और अखिलेश यादव के सौतेले भाई। हालांकि वे कभी चुनावी राजनीति में सक्रिय नहीं रहे, लेकिन उनका झुकाव सामाजिक कार्यों, फिटनेस, और व्यवसाय की ओर रहा है।

उनकी पत्नी अपर्णा यादव, वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हुई हैं और उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष हैं। इस वजह से प्रतीक का नाम राजनीतिक चर्चाओं में आता रहा है, लेकिन वे खुद कम ही सार्वजनिक बयान देते हैं।

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फिटनेस को लेकर जुनून, व्यवसाय में दिलचस्पी

प्रतीक यादव एक फिटनेस प्रेमी के रूप में पहचाने जाते हैं। वे लखनऊ में एक फिटनेस सेंटर भी चलाते हैं और युवाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के अभियानों से जुड़े रहते हैं। इसके अलावा, वे रियल एस्टेट और अन्य व्यापारिक क्षेत्रों में भी सक्रिय हैं। उनके मित्रों और करीबियों के अनुसार, वे एक लो-प्रोफाइल लेकिन प्रभावशाली व्यक्ति हैं।

FIR में क्या हैं आरोप? किसके खिलाफ दर्ज हुआ मामला?

हाल ही में प्रतीक यादव ने लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में रियल एस्टेट कारोबारी कृष्णानंद पांडेय, उनकी पत्नी वंदना पांडेय, और पिता अशोक पांडेय के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।FIR के अनुसार, प्रतीक ने आरोप लगाया है कि:

  • उनसे निवेश के नाम पर लाखों रुपये लिए गए।
  • जब उन्होंने हिसाब मांगना शुरू किया तो POCSO एक्ट में फंसाने और फर्जी ऑडियो वायरल करने की धमकी दी गई।
  • इसके अलावा, चार करोड़ रुपये से अधिक की रंगदारी की मांग की गई।

यह मामला सिर्फ धोखाधड़ी का नहीं, बल्कि ब्लैकमेलिंग और धमकी से भी जुड़ा हुआ है, जिससे इसकी संवेदनशीलता और बढ़ जाती है।

क्या पुलिस जांच में सामने आएगा नया मोड़?

FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जांच अधिकारी सभी पक्षों के बयान दर्ज कर रहे हैं और डिजिटल साक्ष्यों की पड़ताल की जा रही है। चूंकि मामला राजनीतिक परिवार से जुड़ा है, इसलिए इसे सामान्य पुलिस केस की तुलना में अधिक गंभीरता से देखा जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं मामला राजनीतिक बदले या दबाव का हिस्सा तो नहीं।

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