प्रयागराज में माघ मेला-2026 की तैयारियों की CM योगी ने समीक्षा की। 3 जनवरी से 15 फरवरी तक 44 दिवसीय मेले में 12–15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। सुरक्षा, स्वच्छता, तकनीक और नवाचार पर विशेष फोकस रहेगा।

लखनऊ। मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम तट पर प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेला-2026 की तैयारियों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विस्तृत समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला केवल आस्था का आयोजन नहीं, बल्कि सनातन परंपरा, सामाजिक अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

कल्पवास और संगम स्नान भारतीय सांस्कृतिक चेतना की आत्मा

मुख्यमंत्री ने कहा कि संगम पर कल्पवास, स्नान और साधना की परंपरा भारतीय सांस्कृतिक चेतना की आत्मा है। इस वर्ष 15 से 25 लाख श्रद्धालु केवल कल्पवासी होंगे। महाकुम्भ के सफल आयोजन के बाद माघ मेला-2026 को लेकर देश-विदेश में विशेष उत्साह है। यह मेला समाज को संयम, समरसता और सेवा का संदेश देता है।

वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं, सभी श्रद्धालु समान

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेला व्यवस्थाओं में आध्यात्मिक गरिमा बनी रहे, लेकिन किसी भी स्तर पर अव्यवस्था न हो। उन्होंने गृह विभाग को निर्देशित किया कि प्रमुख स्नान पर्वों पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू न किया जाए और इसकी स्पष्ट सूचना जारी की जाए। साथ ही सभी संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारी और एडीजी कानून-व्यवस्था स्वयं मेला क्षेत्र जाकर तैयारियों की समीक्षा करें। 31 दिसंबर तक सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए।

3 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक चलेगा 44 दिवसीय माघ मेला

बैठक में मंडलायुक्त प्रयागराज ने बताया कि माघ मेला-2026 का आयोजन 3 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक 44 दिनों तक होगा। इस दौरान पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख स्नान पर्व पड़ेंगे। पूरे मेला काल में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जबकि मौनी अमावस्या पर एक ही दिन में 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान की संभावना को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

मेला क्षेत्र का विस्तार और आधारभूत सुविधाओं में बड़ा इजाफा

मेला क्षेत्र का विस्तार बढ़ाकर लगभग 800 हेक्टेयर किया गया है। सेक्टरों की संख्या 5 से बढ़ाकर 7 कर दी गई है। स्नान घाटों की कुल लंबाई में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत वृद्धि की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 42 पार्किंग स्थल, 9 पांटून पुल, बेहतर आंतरिक सड़क व्यवस्था और सुगम आवागमन की विस्तृत योजना अंतिम चरण में है।

आधुनिक तकनीक से होगी सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन

मुख्यमंत्री ने आधुनिक तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। ट्रैफिक और क्राउड मैनेजमेंट के लिए बहुस्तरीय कार्ययोजना बनाई जा रही है। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस आयुक्त ने बताया कि मेला अवधि में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। लगभग 450 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 250 पहले ही स्थापित हो चुके हैं। SDRF और NDRF की टीमें भी तैनात रहेंगी। मेला क्षेत्र में AI आधारित सर्विलांस और क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है।

पुलिस, स्वयंसेवक और नाविकों के साथ बेहतर समन्वय

मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों के श्रद्धालु-संवेदनशील व्यवहार के लिए प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने NSS स्वयंसेवकों और NCC कैडेट्स को व्यवस्थाओं में शामिल करने, नाविकों के साथ संवाद बनाए रखने तथा श्रद्धालुओं के लिए खान-पान और सेवाओं के शुल्क नियंत्रित रखने के निर्देश भी दिए।

माघ मेला-2026 में तकनीकी नवाचारों का नया मानक

मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला-2026 सुविधाओं और तकनीक के स्तर पर नया मानक स्थापित करे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ऐप आधारित बाइक टैक्सी, विस्तृत दिशा-सूचक संकेत, QR कोड आधारित पोल पहचान, निर्बाध बिजली के लिए रिंग मेन यूनिट, कटाव रोकने के लिए जियो-ट्यूब तकनीक और पूर्वनिर्मित सीवेज शोधन संयंत्र जैसी व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं।

स्वच्छता पर विशेष जोर, सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध

मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला स्वच्छता का उदाहरण बने। मेला क्षेत्र में 16,650 शौचालय स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें महिलाओं के लिए पृथक सुविधाएं होंगी। लगभग 3300 सफाई मित्रों की 24 घंटे तैनाती होगी। उनके लिए सैनीटेशन कॉलोनी, बच्चों के लिए आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालय की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वच्छताकर्मियों का मानदेय हर हाल में 15 दिन के भीतर दिया जाए।

गंगा-यमुना की पवित्रता और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं

नगर विकास विभाग को जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गंगा-यमुना की पवित्रता बनी रहे। स्वास्थ्य सेवाओं के तहत मेला क्षेत्र में 20-20 बेड के दो अस्पताल, 12 प्राथमिक उपचार केंद्र, 50 एंबुलेंस, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।

नदी, बाढ़ और अग्नि सुरक्षा की पुख्ता तैयारी

नदी प्रशिक्षण, अस्थायी तटबंध, जेट्टी निर्माण, नालों की सफाई और जलस्तर की निरंतर निगरानी की जा रही है। जेट्टी निर्माण का कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। मुख्यमंत्री ने नियमित गश्त, प्रभावी मॉक ड्रिल और अग्निशमन दस्तों को आधुनिक उपकरणों से लैस रखने के निर्देश दिए।

संस्कृति और विरासत को समर्पित होंगे विशेष आयोजन

पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से माघ मेला-2026 के दौरान लोकनृत्य, लोकनाट्य, भजन-कीर्तन, रामलीला और प्रदेश की कला-संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही 19वीं-20वीं शताब्दी के माघ मेला से जुड़े दुर्लभ लोक अभिलेखों और पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगेगी।

आस्था, सुरक्षा और नवाचार का संतुलित स्वरूप बने माघ मेला-2026

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ समयबद्ध ढंग से कार्य पूरा करें। उन्होंने कहा कि माघ मेला-2026 ऐसा आयोजन बने, जिसमें आस्था, सुरक्षा, स्वच्छता, नवाचार और संवेदनशील प्रशासन का संतुलित और प्रभावी स्वरूप दिखाई दे।