सार
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम की तैयारी चल रही है। खास बात ये है कि उद्घाटन कार्यक्रम में पूजा-पाठ आदि के लिए 24 पुजारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इन पुजारियों में ब्राह्मण के अलावा एससी और ओबीसी वर्ग के पुजारी भी हैं।
अयोध्या। राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर देश-दुनिया से खबरें सामने आ रही हैं। राम लला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होना तय हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे। राम मंदिर निर्माण की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। इस ऐतिहासिक मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए 24 पुजारियों का सेलेक्शन हुआ है। इनमें तीन पुजारी एससी और ओबीसी वर्ग से आते हैं। ये राम राज में सामाजिक समरसता को दर्शाता है।
ओबीसी और दो एससी वर्ग से
अयोध्या राम मंदिर का 22 जनवरी को उद्घाटन समारोह है। इसमें बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होंगे। कई वीआईपी, वीवीआईपी को कार्यक्रम में बुलाया गया है। 24 पुजारी राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पूजा पाठ की बागडोर संभालेंगे। खास बात ये हैं कि इन पुजारियों में सभी ब्राहम्ण वर्ग से नहीं हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि तीन पुजारी ब्राह्मण नहीं हैं। इनमें से एक ओबीसी वर्ग (OBC) से है जबकि दो अनूसूचित जाति (SC) से हैं।
जाति नहीं योग्यता को बनाया मानक
राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में मंदिर के पुजारियों का चयन धर्म और जाति के आधार पर नहीं बल्कि योग्यता के अनुरूप किया गया है। सरकार का कहना है कि प्रभु राम ने सबरी के जूठे बेर खाए थे। उन्होंने जाति-पाति और ऊंच नीच नहीं देखा तो राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में भी पुजारियों को उनकी जाति नहीं योग्यता के अनुसार स्थान दिया जाएगा। इससे पहले भी राम मंदिर के मुख्य पुजारी अन्य पिछला वर्ग से आते थे। दक्षिण भारत के ज्यादातार मंदिरों में भी पुजारी गैर ब्राह्मण समाज से हैं।
पुजारियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
मंदिर में पूजन के लिए राम मंदिर के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण औरमहंत सत्यनारायण दास पौरोहित्य और कर्मकांड का प्रशिक्षण दे रहे हैं। 300 पुजारियों के इंटरव्यू में से 24 का चयन किया गया है। सभी पुजारियों की रामामंगी परंपरा के मुताबिक 3 महीने ट्रेनिंग चलेगी।