रामनवमी 2025 के शुभ अवसर पर भगवान श्रीरामलला का सूर्य तिलक एक अद्भुत और दिव्य क्षण बन गया। जैसे ही दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ीं, पूरे मंदिर परिसर में श्रद्धा और भक्ति की लहर दौड़ गई।
प्राकट्य आरती के साथ यह दृश्य और भी दिव्य हो गया, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से करोड़ों लोगों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से सहभागिता की। यह ऐतिहासिक क्षण अयोध्या के लिए एक नई आध्यात्मिक ऊंचाई लेकर आया।