सार

मीरापुर उपचुनाव जीतने वाली RLD विधायक मिथिलेश पाल की विधायकी खतरे में। पाँच साल पुराने मामले में आरोप तय, 3 जनवरी 2025 को सजा का ऐलान।

RLD MLA Mithilesh Pal membership on stake: इसे कहते हैं सिर मुंडाते ही ओले पड़े। मुजफ्फरनगर से मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने वाली रालोद विधायक मिथिलेश पाल की विधायकी खतरे में पड़ गई है। अभी जीत का जश्न भी खत्म नहीं हुआ कि पाल की सदस्यता खतरे में पड़ती दिख रही है। पांच साल पुराने एक मामले में विधायक मिथिलेश पाल के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। जल्द ही कोर्ट पाल सहित 15 लोगों के खिलाफ सजा सुनाएगा। इन लोगों के खिलाफ दंगा भड़काने, बंधक बनाने सहित कई आरोपों का केस चल रहा है। कोर्ट 3 जनवरी 2025 को सजा सुनाएगा।

एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज देवेंद्र सिंह फौजदार ने विधायक मिथिलेश पाल सहित 15 आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुए केस में सुनवाई की है। पांच साल पहले दंगा भड़काने, बंधक बनाने, धरना प्रदर्शन और जाम आदि के मामले में उनको आरोपी बनाया गया था। कोर्ट द्वारा पाल पर दंगा भड़काने, बंधक बनाने सहित आरोप तय किए गए हैं। स्पेशल जज देवेंद्र सिंह फौजदार ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता (IPC) की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों के साथ दंगा करना) और 342 (बंधक बनाना) के तहत आरोप तय किए। विधायक के वकील किरणपाल ने बताया कि सिविल लाइंस थाने में 25 फरवरी 2019 को विधायक सहित 15 लोगों पर मामला दर्ज हुआ था। कोर्ट ने आरोप तय कर लिया है, अब 3 जनवरी 2025 को फैसला आएगा।

मीरापुर उपचुनाव में जीत हासिल की हैं मिथिलेश पाल

मिथिलेश पाल, बीते दिनों हुए मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी के समर्थन से राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी थीं। मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने जीत हासिल की है। 23 नवम्बर को उपचुनाव का रिजल्ट घोषित किया गया। 2012 में वह मीरापुर सीट से रालोद की टिकट से चुनाव लड़ चुकी हैं। उस समय बसपा के जमीन अहमद कासमी ने उनको हरा दिया था। 2017 में भी वह चुनाव लड़ी लेकिन जीत न दर्ज कर सकीं। उन्हें बीजेपी के अवतार सिंह भड़ाना ने चुनाव में हराया था।

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