उत्तर प्रदेश सरकार के 'समर्थ उत्तर प्रदेश- विकसित उत्तर प्रदेश @2047' अभियान को जबरदस्त जनसमर्थन मिला है। 6 लाख से ज्यादा लोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, आईटी और महिलाओं के सशक्तिकरण पर सुझाव साझा किए।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के “समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। बुधवार 24 सितंबर तक लगभग 6 लाख लोगों ने अपने सुझाव साझा किए। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों से 4.70 लाख और नगरीय क्षेत्रों से 1.30 लाख सुझाव मिले हैं।
सुझावों में युवाओं की सबसे ज्यादा भागीदारी
इस अभियान में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हुए, लेकिन सबसे अधिक सुझाव 31–60 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों से मिले।
- 3.20 लाख सुझाव- 31 से 60 वर्ष आयु वर्ग से
- 2.40 लाख सुझाव- 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से
- 40 हजार सुझाव- 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से
इससे स्पष्ट है कि प्रदेश के युवा और मध्यम आयु वर्ग भविष्य के रोडमैप में बढ़-चढ़कर योगदान दे रहे हैं।
हर जिले से मिल रहा फीडबैक
अभियान के तहत सभी 75 जिलों में नोडल अधिकारी और प्रबुद्ध जन सक्रिय हैं। वे छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, किसानों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया और आम जनता से संवाद कर रहे हैं। लोगों को पिछले 8 वर्षों की विकास यात्रा की जानकारी दी जा रही है और आने वाले समय के लिए रोडमैप पर उनके विचार लिए जा रहे हैं।
महाराजगंज, कानपुर देहात और संभल सबसे आगे
जनता की भागीदारी को देखते हुए कई जिलों से बड़े पैमाने पर फीडबैक आया है।
- महाराजगंज- लगभग 62,000 सुझाव (प्रथम स्थान)
- कानपुर देहात- लगभग 30,000 सुझाव (द्वितीय स्थान)
- संभल- 22,000 से अधिक सुझाव (तृतीय स्थान)
इसके अलावा प्रयागराज, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, गोरखपुर, सहारनपुर, शामली, एटा, मेरठ, फर्रुखाबाद और मैनपुरी समेत अन्य जिलों से भी 4 लाख से ज्यादा फीडबैक मिले हैं।
किन क्षेत्रों पर मिले ज्यादा सुझाव
लोगों ने अभियान में जिन विषयों पर सबसे ज्यादा फीडबैक दिया है, उनमें शामिल हैं:
- शिक्षा क्षेत्र
- नगरीय और ग्रामीण विकास
- स्वास्थ्य सेवाएं
- समाज कल्याण
- कृषि क्षेत्र
- आईटी और टेक्नोलॉजी (14,700 सुझाव)
- इंडस्ट्री (15,182 सुझाव)
- सुरक्षा और कानून व्यवस्था
बलिया से आया टेक्नोलॉजी आधारित रोडमैप
बलिया के आशुतोष पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 2045 तक तकनीक संचालित विकसित राज्य बनाने के लिए इन क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा:
- हर गांव तक 5G/6G व स्मार्ट कनेक्टिविटी
- स्मार्ट एजुकेशन और ई-लर्निंग
- एआई, एआर/वीआर और रोबोटिक्स आधारित कौशल विकास
- टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ सेवाएं
- ड्रोन और एआई आधारित कृषि तकनीक
- आईओटी और नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित स्मार्ट सिटी
- स्टार्टअप इकोसिस्टम, इनोवेशन हब और ग्रीन टेक
- साइबर सुरक्षा और मजबूत ई-गवर्नेंस
- इंडस्ट्री 4.0 यानी ऑटोमेशन और एआई आधारित मैन्युफैक्चरिंग
मऊ से महिलाओं को सशक्त करने का सुझाव
मऊ की सविता ने सुझाव दिया कि हर ग्राम पंचायत में नियुक्त बीसी सखी को दूध डेयरी उद्योग से जोड़ा जाए। उन्हें दूध प्रसंस्करण मशीन निःशुल्क दी जाए ताकि उनकी आय बढ़ सके। साथ ही आधार कार्ड से जुड़े काम भी दिए जाएं और ई-सखी/विद्युत सखी को प्रीपेड मीटर रिचार्ज कराने का दायित्व सौंपा जाए। इससे महिलाएं और ज्यादा सक्षम होंगी।
लखनऊ से मत्स्य उद्योग पर खास सुझाव
लखनऊ के हीरालाल भगौरे ने मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उनके अनुसार:
- जिन गांवों में मत्स्य गतिविधियां होती हैं, उन्हें मॉडल फिशरी विलेज के रूप में विकसित किया जाए।
- मत्स्य उद्देश्यों के लिए राज्य में अलग जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं बनाई जाएं।
- झींगा प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएं ताकि निर्यात और मूल्य संवर्धन बढ़ सके।
- मछुआरों और मत्स्यपालकों को सर्वोत्तम प्रबंधन पद्धतियों पर प्रशिक्षण दिया जाए।
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