सार
Maha Kumbh 2025: यदि आप महाकुंभ घूमने आ रहे हैं तो आपके लिए यहां पर एक से एक अजब गजब और मनोरंजन के साधन मिलेंगे। उन्ही में से एक साधन ऊंट की सवारी भी है जी हां संगम क्षेत्र में आप ऊंट की सवारी कर सकते हैं, वह भी मात्र ₹50 देकर। सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक फिलहाल ऊंट की सवारी कराई जा रही है।
कुंभ के संगम लोवर मार्ग पर आपको ऊंची सवारी करने का मौका मिलेगा यहां पर पड़े 25 से 30 ऊंट उपलब्ध रहते हैं जो लोगों को 10 से 15 मिनट तक संगम की रेती की सैर करते हैं कुंभ मेले की भीड़ और प्रशासनिक प्रबंध के वजह से रेगिस्तान के जहाज कहा जाने वाले ऊंट के फेयर को कम कर दिया है जिससे उनकी सवारी करने वालों का मनोरंजन कर पाएंगे।
एक व्यक्ति का किराया
प्रयागराज की ही झूसी के रहने वाले ऊंट चालक नितेश कुमार यादव ने बताया कि वह एक व्यक्ति से ₹50 चार्ज करते हैं। एक बार में अधिकतम तीन लोगों को बैठाते हैं। पहले गंगा और यमुना के किनारे घाट पर बालू की रेती में लोगों को ऊंट से ले जाते थे। इससे उनका मनोरंजन होता था। लोग फोटो वीडियो बनाकर सेल्फी लेते थे। जिससे भीड़ भी लगती थी। कुंभ की वजह से प्रशासन में उनके फेरे का दायरा सीमित कर दिया है।
कहां कहां कर सकगें ऊंट की सवारी
एक निर्धारित मानक के अनुसार तकरीबन एक हेक्टेयर की जमीन फिलहाल ऊंट के फेरे के लिए निर्धारित की गई है। इससे आगे वह नहीं जा सकते। ना गंगा जमुना के किनारे ही श्रद्धालुओं को ऊंट से ले जा सकते हैं। इसलिए थोड़ा सा कारोबार प्रभावित हुआ है। हालांकि रोजी रोजगार की बात करें तो नीतेश का कहना है कि प्रतिदिन हजार से डेढ़ हजार रुपए की कमाई हो जाती है। यहां पर 25 से 30 ऊंट हैं, जो प्रयागराज के अलावा प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, मिर्जापुर, भदोही से आए हुए हैं।
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