सार

यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में  STF ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में कुल 18 आरोपियों को शामिल किया गया है जिसमें एक सरकारी डॉक्टर भी शामिल है। 

लखनऊ। यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच में नया अपडेट आया है। यूपी एसटीएफ ने इस मामले में अपनी पहली चार्जशीट लखनऊ की अदालत में दाखिल कर दी है। एसटीएफ कोर्ट में कुल 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है जिसमें गिरफ्तार किए गए कुल 18 आरोपियों के नाम दिए गए हैं। खास बात ये है कि इन आरोपियों में एक सरकारी डॉक्टर शुभम मंडल भी शामिल है।  

बिना सील तोड़े प्रश्नपत्र का बॉक्स खोलने में एक्सपर्ट है डॉक्टर
एसटीएफ के मुताबिक टीम ने आरोपियों में शुभम मंडल नाम के युवक को भी पकड़ा है जो कि सरकारी डॉक्टर है। शुभम को बिना सील तोड़े प्रश्नपत्र के बॉक्स को खोलने में महारत हासिल है। ये सरकारी डॉक्टर क्वेश्चन पेपर के डिब्बे की सील तोड़े बिन उसमें से पेपर निकालने में एक्सपर्ट है। शुभम बिहार के कटिहार जिले में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात था। उसे 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।  

आरोप पत्र में मास्टर माइंड रवि संग कई नाम
एसटीएफ की ओर से दाखिल चार्जशीट में मास्टरमाइंड रवि अत्री और उसके साथी राजीव नयन मिश्रा, गोल्डी, विक्रम बहल, सतीश धनकड़, रोहित पांडे, अभिषेक शुक्ला और शिवम गिरी आदि शामिल हैं। सभी आरोपियों से सख्ती के साथ पूछताछ की जा रही है। इससे पहले इन लोगों ने किन-किन भर्ती परीक्षाओं में पेपर की घटनाएं की हैं इस बारे में भी पूछताछ की जा रही है।

कैसे मिले शुभम और रवि अत्री
पटना का रहने वाला शुभम मंडल नालंदा मेडिकल कॉलेज का पढ़ा हुआ है। शुभम ने वर्ष 2021 में पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। शुभम के खिलाफ सबसे पहले 2017 में NEET पेपर लीक मामले में केस दर्ज किया गया था। रवि को उसके सहयोगी राजीव नयन मिश्रा ने शुभम से मिलवाया था। शुभम ने अहमदाबाद में रखे प्रश्नपत्रों के बॉक्स खोलने में अहम रोल निभाया था। उसे दो लाख रुपये भी दिए गए थे। एसटीएफ के मुताबिक शुभम ने गोदाम में जाने के साथ कोड 2 प्रश्नपत्र की तस्वीरें ली थीं।

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