मिर्ज़ापुर में दिवाली की सफ़ाई को लेकर माँ से नाराज़ एक लड़की मोबाइल टॉवर पर चढ़ गई। वह इस बात से गुस्सा थी कि सिर्फ़ उसे ही काम करने को कहा गया, भाई को नहीं। पुलिस ने उसे समझाकर सुरक्षित नीचे उतारा।
मिर्जापुरः दिवाली आते ही हर भारतीय घर में सफ़ाई का काम शुरू हो जाता है। घर का कोना-कोना रगड़कर साफ़ किया जाता है। घर के सभी लोग, खासकर घर की लड़कियाँ, इस सफ़ाई के काम में हिस्सा लेती हैं। लेकिन एक जगह घर साफ़ करने के लिए कहने पर एक लड़की इतनी नाराज़ हो गई कि वह मोबाइल टॉवर पर चढ़ गई और खूब ड्रामा किया। यह घटना उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में हुई और इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बेटे की जगह बेटी को काम बताने पर भड़की
भारत में अक्सर यह चलन है कि घर के बाहर का काम लड़के करते हैं और घर के अंदर का काम लड़कियों को करना चाहिए। इसी तरह, यहाँ भी माँ ने अपनी बेटी को घर साफ़ करने के लिए कहा। लेकिन अपने भाई के बजाय सिर्फ़ उसे ही घर का काम करने के लिए कहा जा रहा है, इस बात से नाराज़ होकर लड़की मोबाइल टॉवर पर चढ़ गई और मरने की धमकी देने लगी। उसने माँ पर अपना गुस्सा इस तरह निकाला। लड़की के इस हाई-वोल्टेज ड्रामे से वहाँ डर का माहौल बन गया। घरवालों और स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मौके पर पहुँचे अधिकारियों ने लड़की से नीचे उतरने की गुज़ारिश की, जिसके बाद वह नीचे उतर आई। बताया जा रहा है कि अब वह सुरक्षित है।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
ट्विटर पर @gaurav1307kumar नाम के अकाउंट से यह वीडियो पोस्ट किया गया है। वीडियो के कैप्शन में लिखा है, "मिर्ज़ापुर में एक युवती को उसकी माँ ने दीपावली पर साफ़-सफ़ाई को लेकर फटकार लगाई थी, युवती गुस्से में मोबाइल टावर पर चढ़ गई और ड्रामा किया।" इस ट्वीट पर मिर्ज़ापुर पुलिस ने जवाब देते हुए बताया कि लड़की सुरक्षित है। मिर्ज़ापुर पुलिस ने कमेंट किया, "उक्त मामले में, थाना कछवां पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुँचकर बालिका को समझा-बुझाकर सकुशल टॉवर से नीचे उतारकर उसके परिजनों को सुपुर्द किया गया।"
वैसे, जो भी हो, दिवाली के समय घर की सफ़ाई करना एक बड़ा काम होता है। अगर घर के सभी लोग मदद करें तो लड़कियों का काम थोड़ा आसान हो जाता है। लेकिन लड़के बाहर घूमें और अकेली लड़की घर साफ़ करे, तो यह कोई आसान काम नहीं है। शायद इसी वजह से यह लड़की टॉवर पर चढ़ गई। कुछ घरों में लड़कों को राजा की तरह और लड़कियों को नौकर की तरह देखा जाता है। अगर लड़कियाँ सवाल करती हैं, तो माँ-बाप कहते हैं कि तुम्हें दूसरे घर जाना है, सब कुछ सीखना चाहिए। शायद माँ-बाप की इसी नीति से नाराज़ होकर लड़की टॉवर पर चढ़ गई होगी। लेकिन अब ज़माना बदल गया है। शादी ही एक लड़की की ज़िंदगी नहीं है, वह सब कुछ संभालने की क्षमता के साथ-साथ किसी पर निर्भर हुए बिना कमाकर जीने की ताकत भी हासिल कर रही है। ऐसे में माँ-बाप को भी लड़का-लड़की में भेदभाव किए बिना दोनों को बराबर पालना चाहिए। लड़कों को भी लड़कियों की तरह ही सारे काम सिखाने चाहिए, ताकि वे भी किसी पर निर्भर न रहें और अपना काम खुद कर सकें। इस बारे में आपकी क्या राय है, कमेंट करके बताएँ।
