सार

बरेली और प्रयागराज नैनी जेल के अधीक्षकों पर शासन स्तर से बड़ा एक्शन देखने को मिला है। जेल अधीक्षकों को निलंबित किया गया है। कार्यों में लापरवाही बरतने पर यह एक्शन हुआ है।

लखनऊ: शासन स्तर से प्रभारी डीआईजी जेल आरएन पांडेय की रिपोर्ट पर बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है। आपको बता दें कि जेल में बंद पूर्व विधायक अशरफ के मामले में यह कार्रवाई हुई है। आरोप है कि राजीव शुक्ला के द्वारा जेल में अशरफ को वीआईपी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती थीं। पहले भी इस मामले में जेलर और डिप्टी जेलर को निलंबित किया जा चुका है। वहीं जेल वार्डर समेत 7 लोग जेल भी जा चुके हैं।

जेल से जुड़े थे हत्याकांड के तार, जमकर उड़ाई जाती थी नियमों की धज्जियां

नैनी जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शशिकांत सिंह को भी निलंबित किया गया है। शशिकांत सिंह के पास डीआईजी जेल का चार्ज था। गौरतलब है कि शनिवार की रात को नैनी जेल में छापेमारी की गई। इस दौरान वहां से कुछ आपत्तिजनक वस्तुएं मिली और कार्य में सिथिलता भी पाई गई। इस मामले को लेकर ही एक्शन बताया जा रहा है। इस जेल में माफिया अतीक अहमद भी बंद रह चुका है। ज्ञात हो कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद पड़ताल में बरेली जेल से भी इस घटना के तार जुड़े थे। प्रयागराज पुलिस के द्वारा अशरफ को भी मामले में आरोपी बनाया गया था। सामने आए तमाम इनपुट के आधार पर जांच डीआईजी बरेली आरएन पांडेय को सौंपी गई थी। पड़ताल में पता लगा था कि जेल में अशरफ से बिना पर्ची के उसके गुर्गों की मुलाकात होती थी। उसे वीआईपी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाती थीं। जिसके बाद पहले ही मामले में जेलर राजीव कुमार मिश्रा, मुलाकात अधिकारी डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह और 5 वार्डरों को निलंबित किया गया था। इसी मामले में अब यह एक और एक्शन भी देखने को मिला है।

जांच के बाद जारी है एक्शन

ज्ञात हो कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश में लगी हुई है। इस बीच जांच में तमाम अन्य तथ्य भी सामने आ रहे हैं। पड़ताल में पता लगा कि जेल में नियमों के खिलाफ मुलाकात होती थी और वहीं पर इस हत्याकांड को लेकर प्लानिंग भी हुई थी। जिसके बाद मामले में जेल अधिकारियों के खिलाफ भी जांच का आदेश दिया गया। जांच-पड़ताल में भूमिका संदिग्ध मिलने के बाद यह एक्शन देखने को मिल रहा है।

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