सार
उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े शूटर के भाई का शव खेत से बरामद किया गया। शव मिलने की सूचना लगते ही एसटीएफ की टीम भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंची, हालांकि वहां से खाली हाथ ही वापस आना पड़ा।
कौशांबी: उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर साबिर के बड़े भाई की लाश खेत में पाई गई। महमदपुर गांव के खेत में मिली लाश के बाद मामले को लेकर कोखराज पुलिस को सूचना दी गई। वहीं मृतक के चाचा ने मौके पर पहुंचकर शव को शिनाख्त की।
पत्नी की हत्या मामले में 8 साल पहले गया था जेल
गौरतलब है कि मृतक की फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद पूरामुफ्ती के मरियाडीह के रहने वाले शमसुद्दीन ने पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने मृतक की पहचान अपने 50 वर्षीय भतीजे जाकिर के रूप में की। इसके बाद परिजन भी थाने पहुंचे। पूछताछ में पता लगा कि जाकिर आठ साल पहले दहेज के लिए पत्नी की हत्या मामले में जेल भी गया था। इसके बाद चार माह पहले ही वह जमानत पर छूटकर आया था। दिमागी हालत ठीक न होने के चलते वह काफी गुमसुम भी रहता था।
सड़ चुका था शव, पोस्टमार्टम हाउस से खाली हाथ लौटी एसटीएफ की टीम
परिजनों ने बताया कि 22 फरवरी को जाकिर घर से बिना बताए कहीं चला गया था। जाकिर साबिर का बड़ा भाई है। वहीं मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि शव देखने से काफी पुराना लग रहा था। त्वचा सड़ चुकी थी और कीड़े भी लगे हुए थे। मामले को लेकर लेकर प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि शव को पहचान साबिर के भाई जाकिर के रूप में हुई है। वहीं साबिर के भाई जाकिर का शव मिलने के बाद एसटीएफ की टीम भी एक्टिव हो गई। आनन-फानन में दर्जनभर पुलिसकर्मी सीधे पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। इस बीच पोस्टमार्टम हाउस में सील किए गए शव को खुलवाने की बात कही गई। हालांकि पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद स्वास्थ कर्मचारियों ने बिना स्थानीय पुलिस की मौजूदगी के सील खोलने से इंकार कर दिया। इसके बाद एसटीएफ की टीम को बैरंग वापस आना पड़ा। टीम अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
क्या था उमेश पाल हत्याकांड
यूपी के प्रयागराज में 24 फरवरी को इस घटना को अंजाम दिया गया। बीच सड़क पर गाड़ी रोककर बदमाशों ने फायरिंग और बमबाजी की। उमेश पाल की हत्या के दौरान घायल दो गनर ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। यह वारदात की गूंज यूपी विधानसभा तक में सुनाई दी और सीएम योगी ने आरोपियों को मिट्टी में मिलाने की बात कही। बताया गया कि राजूपाल हत्याकांड में गवाह और अन्य कारणों के चलते अतीक अहमद के गुर्गों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया।