सार
AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आया है। अब बेंगलुरु पुलिस सुसाइड नोट में शामिल आरोपों की जांच में जुटी है, जिनमें उत्तर प्रदेश के जौनपुर की फैमिली कोर्ट जज रीता कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शनिवार को पुलिस ने अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार किया।
जज रीता पर लगे गंभीर आरोप
अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में बेंगलुरु पुलिस सुसाइड नोट में किए गए आरोपों की गहराई से जांच कर रही है। इसमें जज रीता कौशिक पर रिश्वत लेने और आत्महत्या के मामले में अप्रत्याशित व्यवहार करने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ IPS अधिकारी ने पुष्टि की है कि सुसाइड नोट में शामिल सभी आरोपों की जांच की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कानूनी सलाह के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
अतुल ने सुसाइड नोट में 21 मार्च 2024 की एक घटना का जिक्र किया है, जब वह और उनकी पत्नी निकिता जज रीता कौशिक के चेंबर में थे। सुसाइड नोट में अतुल ने लिखा कि निकिता ने जज से कहा, "तुम सुसाइड क्यों नहीं कर लेते," और इस पर जज कौशिक हंसने लगीं। इसके बाद, अतुल ने जज से कहा था, "मैम, अगर आप एनसीआरबी का डेटा देखें तो लाखों लोग झूठे केस की वजह से सुसाइड कर रहे हैं।"
निकिता के चचेरे भाई का चौंकाने वाला बयान
निकिता सिंघानिया के चचेरे भाई, सुशील सिंघानिया के बेटे ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि निकिता पढ़ाई में होशियार थी और वह परिवार की इकलौती महिला थी जो उच्च शिक्षा प्राप्त करके नौकरी करने वाली थी। उन्होंने अतुल सुभाष की आत्महत्या पर दुख जताया और कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। सुशील सिंघानिया के बेटे ने आगे कहा, "मेरे पिता इस केस में बेवजह फंसे हैं। हम इस मामले में कुछ भी नहीं कहना चाहते, लेकिन बस यह जानता हूं कि मेरे पिता का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।"
कानूनी कार्रवाई और परिवार की चिंताएं
निकिता और उनके परिवार के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद अब यह मामला जांच के केंद्र में है। बेंगलुरु पुलिस ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, लेकिन सुशील सिंघानिया के बेटे का कहना है कि उनके पिता को परेशान न किया जाए, क्योंकि वे बुजुर्ग हैं और उन्हें इस मामले से कोई संबंध नहीं है।
यह भी पढ़े :
नॉएडा : स्कूल टॉयलेट के बल्ब में था SPY कैमरा! खुल गया निर्देशक का खेल,गिरफ्तार
वाराणसी : मुस्लिम इलाके में मंदिर की कहानी: 70 साल से बंद मंदिर पर हंगामा!