सार
विधानसभा के यूपी बजट सत्र 2023 के पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानमंडल के दोनों सदनों को संबोधित किया। राज्यपाल के संबोधन के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। अब इस पर बसपा प्रमुख मायावती ने भी प्रतिक्रिया दी है।
लखनऊ: यूपी विधानसभा का बजट सत्र के आज हंगामे के साथ शुरू हुआ। बता दें कि यह वर्ष 2023 में विधानमंडल का पहला सत्र और 18वीं विधानसभा का चौथा सत्र है। सत्र में प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पारित कराएगी। वहीं इस बजट सत्र पर बसपा सुप्रीमो मायावती का बयान भी सामने आया है। बसपा प्रमुख मायावती ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा दिए गए अभिभाषण को राज्य सरकार की विफलताओं पर पर्दा डालने वाला बताया है। उन्होंने बजट सत्र को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि राज्यपाल द्वारा दिए अभिभाषण से राज्य सरकार ने अपनी विफलताओं को छिपाने का प्रयास किया है।
मायावती ने योगी सरकार पर साथा निशाना
मायावती द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया कि यह अभिभाषण लोगों को त्रस्त करती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन व अशांत माहौल आदि के मामलों में पर्दा डालने का बेकार प्रयास है। उन्होंने कहा कि यूपी में सत्ता भोगी तत्वों को छोड़कर सभी सरकार के दावों से दुखी हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ग का व्यक्ति सरकार की बनाई नीतियों से परेशान है। लोगों को उनका हक और इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। यह प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी विफलता है। इस पर यूपी सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए।
बजट सत्र के पहले दिन हुआ जमकर हंगामा
बता दें कि विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष का जोरदार हंगामा देखने को मिला। इस दौरान सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा विधायकों ने सदन के अंदर से लेकर जमकर हंगामा किया। वहीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल हंगामे के बीच अभिभाषण देती रहीं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हुए योगी सरकार को घेरा। इस दौरान अखिलेश यादव भी सदन में हाथ में तख्ती पकड़े नजर आए। अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि सभी पार्टी जातीय जनगणना के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि यदि यूपी में सपा सरकार होती तो अब तक जातीय जनगणना हो चुकी होती।
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