52 जिलों में छापे, 161 FIR… योगी के एक आदेश से हिल गया कोडीन ड्रग माफिया
Codeine Cough Syrup Crackdown UP: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा नशा विरोधी अभियान। कोडीन कफ सिरप की अवैध सप्लाई चेन पर FSDA की 52 जिलों में कार्रवाई, 161 फर्मों पर FIR, 700 करोड़ की संदिग्ध सप्लाई और 85 गिरफ्तार।

योगी सरकार का जीरो टॉलरेंस एक्शन, देश का सबसे बड़ा ड्रग क्रैकडाउन
उत्तर प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार पर योगी सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा और निर्णायक हमला बोला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीधे निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने कोडीनयुक्त कफ सिरप की समानांतर सप्लाई चेन को जड़ से उखाड़ फेंकने का दावा किया है। तीन महीने तक चले इस गोपनीय और सघन अभियान में ऐसे खुलासे हुए हैं, जिन्होंने पूरे देश में फैले नशे के नेटवर्क की भयावह तस्वीर सामने रख दी है।
52 जिलों में एकसाथ कार्रवाई, 161 फर्मों पर FIR
सरकारी जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी के निर्देश के बाद FSDA की टीमों ने प्रदेश के 52 जिलों में एक साथ 332 से अधिक थोक औषधि केंद्रों पर छापेमारी की। इस दौरान 161 फर्मों और उनके संचालकों के खिलाफ BNS और NDPS एक्ट की गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए। जांच में यह भी सामने आया कि 36 जिलों में कोडीन सिरप का अवैध डायवर्जन और कालाबाजारी खुलेआम चल रही थी।
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, इस रैकेट की जड़ें उत्तर प्रदेश से बाहर तक फैलती चली गईं। FSDA की टीमें झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली तक पहुंचीं। विवेचना में खुलासा हुआ कि दिल्ली और रांची के सुपर स्टॉकिस्ट, यूपी के कुछ चिन्हित होलसेलर्स के साथ मिलकर कोडीनयुक्त कफ सिरप और NDPS श्रेणी की दवाओं की एक अवैध पैरेलल सप्लाई चेन चला रहे थे।
700 करोड़ की संदिग्ध सप्लाई, इलाज से कहीं ज्यादा खपत
साल 2024-25 के आंकड़ों ने जांच एजेंसियों को भी चौंका दिया। प्रदेश में कोडीनयुक्त कफ सिरप की आपूर्ति वास्तविक चिकित्सीय जरूरत से कई गुना अधिक पाई गई।
- फेन्सिडिल (एबॉट हेल्थ केयर): 2.23 करोड़ से ज्यादा बोतलें
- एस्कॉफ (लैबोरेट फार्मा): 73 लाख से अधिक बोतलें
- अन्य कंपनियां: लगभग 25 लाख बोतलें
कुल मिलाकर 700 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध आपूर्ति जांच के दायरे में है, जिसके पीछे कोई ठोस चिकित्सीय आधार नहीं मिला।
पुलिस-STF का शिकंजा, हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
FSDA की रिपोर्ट के बाद पुलिस और STF ने सख्त कार्रवाई शुरू की। अब तक 79 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और 85 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक की याचिकाएं खारिज कर दी हैं। योगी सरकार ने जिलाधिकारियों को इन पर गैंगस्टर एक्ट लगाने और अवैध संपत्ति जब्त करने के निर्देश भी दिए हैं।
आगे और सख्ती, FSDA ने भेजे नए प्रस्ताव
भविष्य में इस तरह के अवैध कारोबार को रोकने के लिए FSDA ने शासन को और कड़े कदम उठाने का प्रस्ताव भेजा है।
- थोक औषधि प्रतिष्ठानों की अनिवार्य जियो-टैगिंग
- गोदामों की भंडारण क्षमता का सत्यापन और फोटोग्राफी
- टेक्निकल स्टाफ के अनुभव प्रमाण पत्र की गहन जांच
- कोडीन सिरप की बल्क सप्लाई पर केंद्रीय स्तर से नई निगरानी व्यवस्था
योगी सरकार का साफ संदेश है कि नशे के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। गठित SIT जांच में जुटी है और संभावना है कि अगले महीने मुख्यमंत्री को सौंपी जाने वाली अंतिम रिपोर्ट में कई और बड़े नाम बेनकाब होंगे।
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