UP Electronics Sector Growth: उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति-2025 से राज्य बनेगा ग्लोबल हब, 50 बिलियन डॉलर उत्पादन और 10 लाख रोजगार का लक्ष्य, मोबाइल निर्यात और विदेशी निवेश में बड़ी बढ़ोतरी होगी।
UP Electronics Manufacturing Policy 2025: उत्तर प्रदेश अब सिर्फ मोबाइल उत्पादन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का वैश्विक केंद्र (Global Hub) बनने की ओर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हुई एक अहम बैठक में ‘उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025’ लागू करने के निर्देश दिए। इस नीति के जरिए राज्य अगले पाँच वर्षों में 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उत्पादन और 10 लाख नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ेगा।
पिछले 8 सालों में ऐतिहासिक औद्योगिक विकास
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले आठ वर्षों में औद्योगिक विकास के क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग लगाई है। मोबाइल उत्पादन में देश का 60% योगदान देने वाला यूपी अब इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में भी अपनी अलग पहचान बनाने की तैयारी कर रहा है।
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इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भारत की तेज़ रफ्तार
अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2014-15 में देश में जहाँ केवल 1.9 लाख करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद बनते थे, वहीं 2024-25 तक यह आँकड़ा 11.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।
- मोबाइल उत्पादन: 18 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपये
- मोबाइल निर्यात: 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये
- यूपी से 2023-24 में 37 हजार करोड़ रुपये का इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर निर्यात
निवेशकों को मिलेगा टॉप-अप इंसेंटिव और विशेष लाभ
नई नीति के तहत उत्तर प्रदेश, केंद्र सरकार की Electronic Component Manufacturing Scheme (ECMS) के साथ टॉप-अप इंसेंटिवदेगा। इसके अलावा पूँजीगत निवेश पर आकर्षक सब्सिडी, स्टाम्प शुल्क व बिजली शुल्क में छूट, ब्याज अनुदान और लॉजिस्टिक्स सहायता जैसे कई प्रावधान शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जो निवेशक प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता देंगे और रोजगार सृजन करेंगे, उन्हें विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत और Make in India को मिलेगी मजबूती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ विज़न को नई दिशा देगी। इससे न केवल विदेशी निवेश बढ़ेगा बल्कि आयात पर निर्भरता घटेगी, घरेलू मूल्य संवर्धन होगा और विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी।
अनुसंधान, स्टार्टअप्स और क्लस्टर्स को मिलेगी नई ऊर्जा
नीति अनुसंधान एवं विकास, नवाचार, स्टार्टअप और कौशल विकास को बढ़ावा देगी।
- नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स को और सुदृढ़ किया जाएगा।
- आगामी जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर राज्य को वैश्विक आपूर्ति शृंखला से और मज़बूती से जोड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शिता और समयबद्ध क्रियान्वयन इस नीति की आधारशिला होगी। निवेशकों को सिंगल विंडो सिस्टम से सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी और Ease of Doing Business को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
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