Fatehpur Maqbara Vivad Police Deployment: फतेहपुर में मंदिर-मकबरा विवाद को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर है। 7 जिलों से 2000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए, मकबरे के आसपास बैरिकेडिंग और मीडिया प्रवेश पर रोक, हालात पर कड़ी निगरानी।

Fatehpur Temple Tomb Dispute: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में मंदिर-मकबरा विवाद के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। जिले के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।

क्यों बढ़ाई गई सुरक्षा? कैसे की गई निगरानी?

11 अगस्त को इस मामले को लेकर जमकर बवाल हुआ था, जिसके बाद जिले में हालात बिगड़ने की आशंका जताई जा रही थी। इसी को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन 7 जिलों, लखनऊ, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से करीब 2000 पुलिसकर्मियों की तैनाती फतेहपुर में की है। पुलिस ने शहर में जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी है और मकबरे की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर कड़ा पहरा है। पीएसी के जवान हेलमेट और लाठियों के साथ मौजूद हैं और स्मोक गन से लैस पुलिसकर्मी हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं। किसी भी भीड़ या उपद्रव की स्थिति को तुरंत नियंत्रित करने की तैयारी की गई है।

यह भी पढ़ें: अटल जी की पुण्यतिथि पर सीएम योगी का नमन, रानी अवंतीबाई लोधी की जयंती पर भी दी श्रद्धांजलि

मकबरे क्षेत्र पर सख्त पाबंदी, पूजा-अर्चना को लेकर अपील का असर

तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए मकबरे क्षेत्र में कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं। 500 मीटर के दायरे तक मीडिया के प्रवेश पर रोक है और केवल आसपास रहने वाले लोगों को ही पहचान पत्र दिखाने पर आने-जाने की अनुमति दी जा रही है। इसके अलावा, हर बैरिकेडिंग प्वाइंट पर पुलिसकर्मियों के साथ लेखपाल भी मौजूद हैं ताकि पूरी निगरानी रखी जा सके। घटना के बाद भाजपा नेताओं ने लोगों से घरों में रहकर ठाकुर जी की पूजा-अर्चना करने की अपील की थी। इसका असर यह दिखा कि आज किसी ने भी मकबरे में जाने का प्रयास नहीं किया। लोग फिलहाल घरों में ही धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं और इलाके में शांति बनी हुई है।

फतेहपुर प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है और किसी भी अफवाह या तनाव को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहा है। आने वाले दिनों में पुलिस-प्रशासन की रणनीति यही रहेगी कि माहौल शांतिपूर्ण बना रहे और किसी भी तरह की उकसावे वाली गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाए।

यह भी पढ़ें: UP का यह जिला बना भिखारियों का गढ़, सरकारी आंकड़े कर देंगे हैरान!