विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए योगी सरकार चीन+1 स्ट्रैटेजी पर काम कर रही है। 200 से अधिक ग्लोबल कंपनियों से बातचीत जारी है। पीएलआई प्रोजेक्ट्स, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर से यूपी बन रहा है निवेशकों का पसंदीदा हब।

उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने के लिए योगी सरकार ने एक नया अभियान शुरू किया है। यह सिर्फ निवेश लाने की कवायद नहीं, बल्कि यूपी को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का सपना है। विदेशी निवेशकों का ध्यान खींचने के लिए सरकार चीन+1 स्ट्रैटेजी पर काम कर रही है और अब तक 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से बातचीत हो चुकी है। भारतीय एंबेसीज और वैश्विक संस्थानों की मदद से यह पहल तेजी पकड़ रही है और यूपी विदेशी निवेश का नया हॉटस्पॉट बनता दिख रहा है।

यूपी को मिल रहा विदेशी कंपनियों का भरोसा

चीन+1 स्ट्रैटेजी के तहत अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, डेनमार्क, स्पेन और चीन की कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई है।

  • अमेरिका से 30+ कंपनियां
  • जर्मनी से 30 कंपनियां
  • जापान से 20 कंपनियां
  • चीन से 14 कंपनियां
  • स्विट्जरलैंड व फ्रांस से 7-7 कंपनियां
  • डेनमार्क से 6 कंपनियां
  • स्पेन से 5 कंपनियां, इन लीड्स को वास्तविक निवेश में बदलने के लिए यूपी सरकार विशेष कंट्री-स्पेसिफिक डेस्क तैयार कर रही है।

यह भी पढ़ें: MP की 'लाड़ली बहनों' के लिए सरकार ने शुरू की एक और योजना, खर्च होंगे 1000 करोड़

पीएलआई स्कीम बनी निवेश की ताकत

भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम भी यूपी में विदेशी निवेश की बड़ी वजह है।

  • अब तक 574 PLI प्रोजेक्ट्स को मंजूरी
  • 70 कंपनियां पहले से कार्यरत
  • 11 कंपनियों के नए प्रोजेक्ट्स
  • 20 कंपनियों ने यूपी सरकार से एमओयू साइन किया
  • 473 कंपनियों के साथ एक्टिव फॉलो-अप जारी

निवेशकों के लिए नई सुविधा प्रणाली

यूपी सरकार ने निवेशकों को सहजता देने के लिए 814 कंपनियों के लिए अकाउंट मैनेजर्स नियुक्त किए हैं। इसमें फॉर्च्यून 500 और इंडिया नेक्स्ट 500 कंपनियां शामिल हैं। इनकी लिस्ट में शिपिंग, टेलीकॉम, रिटेल, पेट्रोकेमिकल्स, इंश्योरेंस और बैंकिंग सेक्टर की कंपनियां भी हैं। इस पहल के तहत अब तक 50 नए एमओयू साइन हो चुके हैं और 282 कंपनियों से बातचीत जारी है।

क्यों है यूपी विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक?

  • मजबूत राजनीतिक नेतृत्व और स्थिर नीतियां
  • एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसी बेहतर कनेक्टिविटी
  • सबसे बड़ा उपभोक्ता राज्य होने का लाभ
  • Ease of Doing Business में सुधार – सिंगल विंडो सिस्टम और निवेशक सुविधा केंद्र
  • विशाल वर्कफोर्स और सस्ता, स्किल्ड लेबर

क्या है चीन+1 स्ट्रैटेजी?

यह एक ग्लोबल बिजनेस रणनीति है, जिसके तहत कंपनियां अपना मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन केवल चीन पर निर्भर न रखकर अन्य देशों में भी स्थापित करती हैं। यूपी सरकार इसे अवसर मानकर विदेशी कंपनियों को आकर्षित कर रही है।

यह भी पढ़ें: शादी-ब्याह से पहले बढ़े सोने के दाम, जानें लखनऊ में आज का ताज़ा रेट