सार
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) पूरी तैयारी के साथ काम कर रहा है। संगम इलाके में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए NDRF ने आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। सोमवार को संगम क्षेत्र में एक मॉकड्रिल आयोजित की गई, जिसमें यह दिखाया गया कि किस तरह से आपातकालीन स्थिति में NDRF की टीम तुरंत मदद करने के लिए तैयार रहती है।
आपकी सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है NDRF
महाकुंभ के दौरान संगम में सुरक्षा के लिए NDRF की 15 टीमें तैयार हैं, जो पूरी तरह से एलर्ट मोड में हैं। NDRF के डीआईजी एमके मिश्रा ने बताया कि उनकी टीमें एक दूसरे से जुड़ी हुए हैं और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत काम करने के लिए तैयार हैं। NDRF ने संगम क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया है। इनमें अंडरवाटर ड्रोन, सोनार सिस्टम, स्पीड बोट और वाटर एंबुलेंस शामिल हैं। इसके अलावा, टीम के पास डाइविंग किट, लाइफ जैकेट और रेस्क्यू ट्यूब जैसी जरूरी चीजें भी मौजूद हैं।
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मॉकड्रिल में NDRF ने दिखाई तत्परता
मॉकड्रिल के दौरान NDRF की टीम ने एक नाव हादसे का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। महाराष्ट्र से आए एक परिवार की नाव संगम नोज के पास फंस गई थी। नाव पलटने की स्थिति में थी, लेकिन NDRF की टीम ने समय रहते सभी 16 लोगों को सुरक्षित बचा लिया। NDRF का उद्देश्य महाकुंभ 2025 को पूरी तरह से 'इंसिडेंट-फ्री' बनाना है। इसके लिए उन्होंने जल पुलिस और पीएसी के साथ मिलकर सुरक्षा तंत्र तैयार किया है।
संगम में 24 घंटे सुरक्षा की निगरानी
संगम क्षेत्र में 24 घंटे सुरक्षा के लिए 4 फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन और 17 सब-कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। NDRF के जवान हर स्थिति में तुरंत कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। महाकुंभ 2025 के लिए NDRF और जल पुलिस की टीम मिलकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को पक्का कर रही है। इस सुरक्षा व्यवस्था से श्रद्धालु निश्चिंत होकर अपने धार्मिक कार्यों को पूरा कर सकते हैं। महाकुंभ 2025 में NDRF के द्वारा की गई यह सभी तैयारियां सुरक्षा और श्रद्धालुओं की आस्था को और भी मजबूत बनाएंगी।
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