यूपी STF ने सहारनपुर में मुठभेड़ के दौरान एक लाख के इनामी बदमाश सिराज अहमद को ढेर कर दिया। 28 से ज्यादा मुकदमों में वांछित सिराज हत्या, लूट और गैंगस्टर एक्ट का आरोपी था। ऑपरेशन क्लीन के तहत बड़ी कार्रवाई।
कभी एक रिटायर्ड फौजी के घर से निकला यह बेटा अपराध की ऐसी अंधेरी गलियों में भटक गया कि आखिरकार उसका अंत पुलिस मुठभेड़ में हुआ। उत्तर प्रदेश पुलिस के ‘ऑपरेशन क्लीन’ के तहत यूपी स्पेशल टास्क फोर्स को बड़ी सफलता मिली है। सहारनपुर में हुई मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी सिराज अहमद उर्फ पप्पू को ढेर कर दिया गया। सिराज न सिर्फ एक लाख रुपये का इनामी बदमाश था, बल्कि पूर्वांचल और आसपास के जिलों में सक्रिय संगठित अपराध नेटवर्क का अहम हिस्सा माना जाता था।
रिटायर्ड फौजी का बेटा, लेकिन चुना अपराध का रास्ता
सिराज अहमद एक रिटायर्ड आर्मी मैन का बेटा था। जिस घर से अनुशासन और देशसेवा की सीख मिलनी चाहिए थी, वहीं से उसने जुर्म की राह पकड़ ली। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सिराज ने वर्ष 2006 में मारपीट और लूट की घटनाओं से अपराध जगत में कदम रखा। शुरुआत में छोटे अपराध, फिर धीरे-धीरे वह संगठित गिरोहों का हिस्सा बन गया।
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35 की उम्र में 30 से ज्यादा वारदातें, अपराध से बनाई करोड़ों की संपत्ति
रिकॉर्ड बताते हैं कि करीब 35 साल की उम्र तक सिराज 30 से अधिक संगीन आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका था। उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में 28 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, रंगदारी, गैंगवार और गैंगस्टर एक्ट जैसी गंभीर धाराएं शामिल थीं। कई मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी थी, जबकि कुछ केस अभी न्यायालय में विचाराधीन थे।
जांच में यह भी सामने आया कि सिराज ने अपराध को ही अपनी कमाई का जरिया बना लिया था। अवैध धन से उसने लोलेपुर गांव में बड़ा पक्का मकान, सुल्तानपुर और लखनऊ में कीमती प्लॉट, मुल्की इलाके में सीमेंटेड पाइप बनाने की फैक्ट्री और करीब 8 बीघा जमीन खड़ी कर ली थी। पुलिस के मुताबिक, यह सारी संपत्ति वैध आय से नहीं बल्कि हत्या, लूट और रंगदारी जैसे अपराधों से जुटाए गए पैसों से बनाई गई थी। इसी वजह से उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई भी की गई थी।
जमानत पर बाहर आकर फिर करता रहा अपराध, सहारनपुर में STF से मुठभेड़
पुलिस का कहना है कि सिराज ने अपने खिलाफ दर्ज 27 मामलों में मिली जमानत का खुला दुरुपयोग किया। जेल से बाहर आते ही वह फिर अपराध की दुनिया में सक्रिय हो जाता था और लंबे समय तक फरार रहता था। उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई थी।
‘ऑपरेशन क्लीन’ के तहत मिली खुफिया सूचना के आधार पर यूपी STF ने सिराज की लोकेशन ट्रेस की। सहारनपुर क्षेत्र में जब टीम ने उसे घेरने की कोशिश की तो उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में हुई मुठभेड़ में सिराज अहमद मारा गया। अधिकारियों का कहना है कि उसके खात्मे से सुल्तानपुर समेत कई जिलों में सक्रिय अपराध नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
सुल्तानपुर के वकील हत्याकांड का था आरोपी
सिराज अहमद का नाम सुल्तानपुर के चर्चित वकील आजाद अहमद हत्याकांड में भी सामने आया था। 6 अगस्त 2023 को देहात कोतवाली क्षेत्र के भूलकी चौराहे पर दिनदहाड़े वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाद में सिराज मुख्तार अंसारी गैंग से जुड़ गया और मुन्ना बजरंगी के साथ भी काम करता रहा। वह गैंग का शार्प शूटर माना जाता था।
पीड़ित परिवार ने जताया संतोष
एनकाउंटर की खबर के बाद वकील आजाद अहमद के परिवार ने राहत और संतोष जताया है। परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी STF का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भले ही न्याय मिलने में समय लगा, लेकिन आखिरकार अपराधी अपने अंजाम तक पहुंचा। पुलिस के मुताबिक, सिराज पर दो हत्या, चार हत्या के प्रयास, तीन गैंगस्टर एक्ट समेत कई अन्य गंभीर मुकदमे दर्ज थे और वह कई मामलों में संदिग्ध भी था।
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