उत्तर प्रदेश में मोंथा चक्रवात का असर दिखने लगा है। मौसम विभाग ने गाजीपुर, मऊ, बलिया, देवरिया समेत पूर्वी यूपी के कई जिलों में 31 अक्टूबर को भारी बारिश और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया है। तापमान में भी तेजी से गिरावट दर्ज की गई।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। दीपावली से पहले ठंड और बारिश दोनों ने दस्तक दे दी है। मौसम विभाग (IMD) ने 31 अक्टूबर को राज्य के कई जिलों में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। मोंथा चक्रवात के असर से पूर्वी और पश्चिमी यूपी के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है। खासतौर पर गाजीपुर, मऊ, बलिया, देवरिया और आसपास के इलाकों में भारी बारिश और बिजली गिरने की आशंका है।

पूर्वी यूपी के 18 जिलों में जारी हुआ येलो अलर्ट

मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इनमें गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, देवरिया, जौनपुर, वाराणसी, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, संत कबीर नगर, संत रविदास नगर, मिर्जापुर, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर, बस्ती और अंबेडकरनगर जिले शामिल हैं। मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि गोरखपुर, कुशीनगर, संतकबीर नगर, महाराजगंज और अंबेडकरनगर जैसे जिलों में गरज-चमक के साथ वज्रपात की संभावना है। वहीं, राजधानी लखनऊ में हल्की बूंदाबांदी की उम्मीद है और तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।

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मोंथा चक्रवात का असर: तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में सक्रिय मोंथा चक्रवात का प्रभाव उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है। इसी कारण 31 अक्टूबर को प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं। मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कुछ इलाकों में अचानक बिजली गिरने और पेड़ गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं।

तापमान में आई तेज गिरावट

मौसमी बदलाव का असर तापमान पर भी साफ नजर आ रहा है। झांसी, वाराणसी, बलिया और अलीगढ़ जैसे जिलों में अधिकतम तापमान सामान्य से 8 से 10 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। झांसी में 22 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज हुआ, जो इस सीजन का अब तक का सबसे कम है। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में व्यापक मेघाच्छादन (cloud cover) हुआ है और जेट स्ट्रीम हवाओं की दिशा बदलने से ठंडक और बारिश का अनुभव बढ़ा है।

किसानों के लिए चुनौती: खरीफ फसलों पर खतरा

इस समय राज्य के कई जिलों में खरीफ फसलों की कटाई जारी है। ऐसे में भारी बारिश किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। धान और मक्का जैसी फसलों पर इसका सीधा असर पड़ने की आशंका है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 48 घंटे किसानों को अपनी फसल सुरक्षित रखने की सलाह दी गई है।

आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा असर

IMD के मुताबिक, आगामी 3 से 5 नवंबर के बीच पश्चिमी यूपी और तराई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। ठंडी हवाओं के चलते नवंबर के पहले हफ्ते में न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। 31 अक्टूबर को पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश, वज्रपात और ठंड के चलते मौसम विभाग ने सतर्क रहने की सलाह दी है। लोग अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और खुले क्षेत्रों में मोबाइल या धातु की वस्तुओं के उपयोग से बचें।

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