सार
कानपुर में स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह फोटो खिंचवाने के दौरान गंगा नदी में बह गए। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि गोताखोरों ने उन्हें बचाने के लिए पैसे मांगे।
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह (Aditya Vardhan Singh) फोटो खिंचवाने की कोशिश में गंगा नदी में बह गए। शनिवार दोपहर को वह उन्नाव के बिल्हौर में नानामऊ घाट पर स्नान कर रहे थे। घाट पर उनके दोस्त भी मौजूद थे।
गंगा स्नान के समय 45 साल के आदित्य अपने दोस्तों के साथ फोटो खिंचवाने के लिए गहरे पानी में चले गए। यह गलती उनके लिए जानलेवा साबित हुई। वह गंगा की तेज धारा में बह गए। उनकी तलाश चल रही है। घटना के वक्त घाट पर प्राइवेट गोताखोर मौजूद थे। उनलोगों ने जान बचाने से पहले बड़ी शर्त रख दी। आदित्य के दोस्त उसे पूरा करते तब तक देर हो गई।
तैरना जानते थे आदित्य, तेज धारा में फंस कर बह गए
डीसीपी (पश्चिम) राजेश कुमार सिंह ने बताया कि आदित्य सूर्य देव को अर्घ्य देते समय अपने दोस्तों के साथ फोटो खिंचवाना चाहते थे। उन्होंने चेतावनी के निशान को पार कर लिया था। वह तैरना जानते थे, लेकिन तेज धारा में फंस कर बह गए।
निजी गोताखोर ने मांगे 10 हजार रुपए
आदित्य गंगा नदी से निकलने के लिए संघर्ष कर रहे थे तब उनके दोस्तों ने घाट पर मौजूद निजी गोताखोरों से उन्हें बचाने की गुहार लगाई। आदित्य के दोस्तों ने आरोप लगाया कि गोताखोरों से बचाने के लिए 10 हजार रुपए मांगे। दोस्तों ने कहा कि उनके पास इतने पैसे नकद नहीं हैं तो जवाब मिला ऑनलाइन दो। पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर हुए तब तक आदित्य बह गए थे।
गोताखोर कर रहे आदित्य की तलाश
आदित्य लखनऊ के इंदिरानगर के निवासी तैनात थे। वह वाराणसी में तैनात थे। बिल्हौर एसीपी अजय कुमार त्रिवेदी ने बताया कि आदित्य की तलाश जारी है। खोज अभियान में SDRF, बाढ़ इकाई, पुलिस और निजी गोताखोर शामिल हैं।
गोताखोरों द्वारा पैसे मांगने के आरोपों के बारे में डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि गोताखोरों ने दावा किया है कि उन्होंने सिर्फ अपने स्टीमर के ईंधन के लिए पैसे मांगे थे। अगर आरोपों में कोई सच्चाई है तो हम गोताखोरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
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