विकसित यूपी @2047 के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में नई पहचान देने का संकल्प लिया है। 2030 तक सभी प्रमुख नगरों को सोलर सिटी बनाने, 15% वक्षाच्छादन और 50% नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य तय किया गया है।

उत्तर प्रदेश की सड़कों पर दौड़ती गाड़ियां, आसमान छूती इमारतें और उद्योगों की बढ़ती रफ्तार-इन सबके बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा खाका खींचा है, जो आने वाले वक्त में प्रदेश की तस्वीर ही बदल देगा। ‘विकसित यूपी @2047’ विजन के तहत योगी का सबसे बड़ा सपना है कि अगले 22 वर्षों में यूपी के सभी प्रमुख नगर ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित हों और राज्य शून्य कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़े।

अक्षय ऊर्जा और वृक्षारोपण बना जनआंदोलन

2017 से पहले यूपी का ऊर्जा उत्पादन ज्यादातर थर्मल आधारित था और पर्यावरण संरक्षण की ठोस योजना का अभाव था। लेकिन योगी सरकार ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और वृक्षारोपण को जनआंदोलन बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया। अयोध्या से शुरू हुई ‘सोलर सिटी’ योजना अब प्रदेश के सभी बड़े नगरों तक पहुंचेगी।

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2030 तक के लक्ष्य

  • अयोध्या सहित प्रमुख नगरों को ‘सोलर सिटी’ में बदलना
  • वक्षाच्छादन को 10% से बढ़ाकर 15% करना
  • 50% ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करना
  • सभी पर्यावरणीय एसडीजी लक्ष्य हासिल करना

2047 तक का विजन

  • यूपी को जलवायु सहिष्णु राज्य के रूप में विकसित करना
  • वक्षाच्छादन 20% और राष्ट्रीय वन योगदान 3% तक ले जाना
  • सभी नगरों को ‘सोलर सिटी’ में तब्दील करना
  • शून्य कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित करना
  • ग्रीन हाइड्रोजन व अक्षय ऊर्जा में वैश्विक नेतृत्व हासिल करना

योगी का ‘ग्रीन यूपी’ सपना

सीएम योगी का मानना है कि ‘सोलर सिटी’ की अवधारणा सिर्फ ऊर्जा सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक समृद्धि का भी मजबूत जरिया बनेगी। ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा और वृक्षारोपण अभियान मिलकर यूपी को 2047 तक न केवल ‘विकसित यूपी’ बल्कि ‘ग्रीन यूपी’ भी बनाएंगे।

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